वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के रिसर्च में यह दावा किया गया है कि गंगाजल में मौजूद बैक्टीरियोफॉज कोरोना वायरस को मात दे सकता है. गंगाजल से कोरोना के इलाज के ह्यूमन ट्रायल की तैयारी के बीच इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के आगामी अंक में भी जगह मिल गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

490 लोगों पर किया सर्वे 
काशी हिंदू विश्वविद्यालय इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने रिसर्च में यह दावा किया है कि गंगा के पानी मे बैक्टीरियोफाज की मात्रा होने के पर कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है. डॉक्टरों की टीम ने कुल 490 लोगों पर सर्वे किया. इस शोध में 30 से 90 आयु वर्ग के लोग शामिल थे. इस सर्वे में गंगा के 50 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया. जिसमें ऐसे 273 लोगों पर सर्वे किया जो नियमित गंगा स्नान करते हैं या गंगाजल का सेवन करते हैं. और 217 ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया जो गंगाजल का किसी रूप में इस्तेमाल नहीं करते थे. 


बाबरी विध्वंस केस में CBI कोर्ट 30 SEP को सुनाएगा फैसला, आडवाणी और जोशी भी हैं आरोपी


क्या आया परिणाम?
1. इस सर्वे के मुताबिक 273 लोग जो नियमित गंगा स्नान करते हैं या गंगाजल का सेवन करते हैं उन पर कोरोना संक्रमण का तनिक भी असर नहीं हुआ.
2. 217 लोग जो गंगाजल का किसी रूप में इस्तेमाल नहीं करते थे उनमें से 20 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए और उसमें से दो की मौत की मौत हो गई. 
इस शोध में गौमुख से लेकर वाराणसी सहित 17 स्थानों से बैक्टीरियोफॉज के सैंपल लिए गए थे. इसमें पाया गया कि जहां गंगा पूरी तरह स्वच्छ हैं उसमें दूसरे बैक्टीरिया को मारने की क्षमता है. जो कोरोना का मुकाबला करने में सक्षम है. 
इस रिसर्च के बाद  काशीवासी काफी खुश नजर आ रहे हैं. 


WATCH LIVE TV