मयूर शुक्ला\लखनऊ: यूपी बेसिक शिक्षा विभाग 2021-22 सत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई प्रस्तावित योजनाओं को मंजूरी दी गई है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री प्राइमरी शिक्षा का इंतजाम होगा.


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प्रदेश के 901 शैक्षिक ब्लॉक में से प्रत्येक में मॉडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और परिषदीय उच्च विद्यालयों में विद्यार्थियों को अंग्रेजी, गणित व विज्ञान को रूचिकारी तरीके से समझाने के लिए किट मुहैया कराई जाएगी.


कार्ययोजना में बेसिक शिक्षा के लिए 11429.14 करोड़ रुपए, टीचर एजुकेशन के लिए 183.86 करोड़ रुपए और माध्यमिक शिक्षा के लिए 1150 करोड़ रुपए के प्रस्ताव शामिल हैं. बेसिक शिक्षा में निर्माण कार्यों के लिए 2700.79 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं. 


  • 7209 अतिरिक्त क्लास रूम के निर्माण 

  • 2868 जर्जर विद्यालयों का पुनर्निर्माण

  • 8070 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर

  • 15587 विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय

  • 19800 विद्यालयों का विद्युतीकरण

  • 806 विद्यालयों में सोलर पैनल की व्यवस्था

  • 15191 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं के लिए इंसीनरेटर 

  • 301 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण

  • प्रत्येक शैक्षिक ब्लॉक में मॉडल स्कूल की स्थापना

  • 278 विद्यालयों में पेयजल सुविधा

  • 103 विद्यालयों में बड़े मरम्मत कार्य

  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के कार्यक्रम के लिए 1051.15 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित

  • बालिका शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 1295.11 करोड़ रुपए प्रस्तावित

  • प्रदेश के 75 केजीबीवी को कक्षा 12 तक अपग्रेड करने का प्रस्ताव 

  • सामुदायिक सहभागिता के कार्यक्रमों के लिए 1773.47 करोड़ रुपए जिससे सभी विद्यार्थियों को मुफ्त में यूनिफॉर्म, जूता मोजा व पाठ्यपुस्तकें शामिल

  • शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के वेतन के लिए 5404.36 करोड़ रुपए

  • दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के लिए 44.41 करोड़ रुपए


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