अंकित मित्तल/मुजफ्फरनगर: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर मुजफ्फरनगर में 20 दिसम्बर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने बड़ा बयान दिया. संजीव बालियान ने इस बवाल में मदरसों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए मदरसों के संचालकों की जांच की बात कही. साथ ही बलियान ने मदनी की जांच की भी बात कही है.


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संजीव बालियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शन बड़े लोग करते तो बात समझ में आती, ये छोटे बच्चे थे. ये मुजफ्फरनगर वासियों और देशवासियों के लिए चिंता का विषय है. 12 से 18 साल के बच्चे बड़ी तादाद में आए और जिसके बाद कुछ बच्चे मदरसे से गिरफ्तार भी हुए.


संजीव बालियान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार सबको है, जब तक वो हिंसक ना हो. लेकिन, सड़कों पर बच्चों के हाथ में अगर पत्थर हैं, तो यह आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छी बात नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए कि किसने मदरसे से बच्चे भेजे. क्यों बच्चे बाहर निकले.


कारगिल के सांसद का मेरे पास फोन आया कि कारगिल का एक बच्चा मुजफ्फरनगर मदरसे में पढ़ता है और वो पथराव में शामिल था, ये अच्छी बात नहीं है. किसने उनको भेजा. एक बार शांति हो जाए तो इस पर भी जांच हो. मदरसों को कंट्रोल कौन करता है, किसके कहने पर मदरसों से बच्चे आए, ये सब के लिए चिंता की बात है और जांच का विषय है.


संजीव बालियान ने कहा कि यहां देवबंद नजदीक में है और कहीं ना कहीं मदरसों से जुड़ा रहता है. तो एक जांच हो कि ये बच्चे क्यों आए? मेरा मकसद किसी बात को बढ़ाना नहीं है. लेकिन एक जांच का विषय है. निर्दोष लोगों का कहीं से भी उत्पीड़न नहीं होना चाहिए. विशेष रूप से बच्चों के मामले में मैंने स्वयं प्रशासन से कहा है कि अगर नाबालिग बच्चे हैं, तो उनके साथ विनम्रता से पेश आया जाए. 


संजीव बालियान ने कहा कि विरोध के लिए करीब 50000 लोग बाहर आए. राजनीतिक दल कहते हैं कि वो इसमें शामिल नहीं थे, धार्मिक संगठन कहते हैं कि वो शामिल नहीं थे. तो आखिर शामिल कौन था ? 50000 लोग किसके कहने पर आए ? इसमें मदनी जी की भी जांच हो जानी चाहिए. संजीव बालियन ने सवाल उठाते हुए कहा ''कहीं मदनी जी ने तो ऐसा नहीं किया, उनकी भी जांच हो जाये एक बार''.