लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने रविवार(13 मई) को कहा कि गठबंधन के सहयोगियों से सामंजस्य बनाकर चलना भाजपा की नीति रही है लेकिन मंत्रियों को संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. पाण्डेय ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हम देश की सबसे बडी पार्टी हैं. सहयोगी दलों से सहयोग और सामंजस्य बनाकर चलेंगे. विषय जेहन में है. व्यक्तिगत तौर पर समझाने का प्रयत्न हुआ है.  हमारी नीति रही है कि सहयोगी को वार्ता के जरिए संभाल लेंगे.'उनसे सवाल किया गया था कि भाजपा खुद को अनुशासित पार्टी मानती है लेकिन प्रदेश में उसके सांसद, विधायक और मंत्री सरकार और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और तमाम आरोप लगा रहे हैं.


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सांसदों के बयानों से विवाद उठ खडा हुआ है
पांडेय  ने कहा, 'सभी सहयोगी हमारे साथ हैं. एक सज्जन आदतवश ऐसा कर रहे हैं. उनसे आग्रह है कि वे मंत्री पद का दायित्व निभायें और संयमित भाषा का इस्तेमाल करें. ' उन्होंने कहा कि अन्यथा  उचित समय आने पर जो भी कदम उठाने की आवश्यकता होगी, पार्टी उठाएगी. उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के बयानों से विवाद उठ खडा हुआ है.


जब पूछा गया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश के बावजूद जो मंत्री या सांसद ग्राम स्वराज योजना के तहत चौपाल लगाने या गांव में ही रात्रि प्रवास करने नहीं गये, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, तो पाण्डेय ने कहा कि आम तौर पर जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, सबने सहभागिता की. एक-दो लोग निजी कठिनाई वश नहीं जा सके.


उन्होंने कहा कि जो लोग नहीं जा सके, उनसे बातचीत की जा रही है और हिदायत दी गयी है कि अगले चरण में वे अवश्य गांवों में पहुंचकर रात्रि प्रवास करें और चौपाल लगायें. कैराना और नूरपुर उपचुनाव में विपक्षी एकजुटता की ओर ध्यान दिलाये जाने पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दोनों ही जगहों पर भाजपा व्यवस्थित, सुसंगठित संरचना के आधार पर चुनाव लड रही है. भाजपा को हर तबके का समर्थन मिल रहा है. 


इनपुट भाषा से भी