नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस  (Republic Day) के मौके पर ट्रेक्टर परेड के नाम पर किसानों ने जमकर हुड़दंग मचाया.  कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों का एक समूह ट्रैक्टरों के साथ लाल किला पहुंच गया और उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. वहीं इस घटना को बसपा सुप्रीमो मायावती दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. 



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मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था. यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से जरूर लेना चाहिए. साथ ही, बीएसपी की केन्द्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके'.


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HM लाल किले पर हुए उपद्रव को लेकर गंभीर 
 लाल किले पर उपद्रव की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) बेहद गंभीर है. पुलिस अधिकारियों को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही घटना में घायल पुलिसकर्मियों को बेहतर इलाज मुहैया करवाने के आदेश दिए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार शाम से लेकर अब तक दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को जो इनपुट दिया है, उसके मुताबिक अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का काम हिंसा ग्रस्त इलाकों में पूरा किया गया. हिंसा वाले इलाकों में फिलहाल हालात काबू में हैं. 


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पिछले 63 दिनों से किसान कर रहे हैं प्रदर्शन 
बता दें कि, नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसान 63 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.उनकी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य  के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.