उत्तर प्रदेश सरकार फरवरी में महाबजट पेश करने वाली है. जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में ये बजट सात लाख करोड़ रुपये का होगा. माना जा रहा है कि यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 (UP Global Investors Summit 2023) के बाद ये बजट विधानसभा में पेश किया जाएगा. योगी सरकार ने ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट से 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा है. यह यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में अहम है. ऐसे में निवेशक सम्मेलन में बड़ी घोषणाओं के हिसाब से बजट में रोजगार और निवेश से जुड़े बड़े ऐलान होने की आस है. 


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योगी आदित्यनाथ सरकार ने मई 2022 दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था, जो 6.15 लाख करोड़ रुपये का था. यूपी सरकार ने दिसंबर 2022 में 33,769 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगों को स्वीकार किया था.वर्ष 2022-23 का सालाना बजट 2021-22 के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा था. 2021-22 का आम बजट 5.5 लाख करोड़ रुपये का था. 
उत्तर प्रदेश के वित्तीय विभाग (state Finance departmentः ने बजट तैयार करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है. सभी मंत्रालयों और विभागों से विस्तृत प्रस्ताव मांगे गए हैं. इससे पहले नवंबर तक प्रस्ताव सौंपने का निर्देश सरकारी विभागों को दिया गया था. सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर विभागों ने अपने बजट प्रस्ताव वित्त विभाग को दे दिए हैं औऱ विचार-विमर्श का दौर जारी है.


माना जा रहा है कि 2023-24 के बजट में फिल्म सिटी, जेवर एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, कानपुर गोरखपुर जैसे शहरों में मेट्रो परियोजनाओं पर ज्यादा जोर दिया जाएगा. इसमें बड़ी विकास परियोजनाओं को शेड्यूल ऑफ न्यू डिमांड्स (Schedule of New Demands) के तहत खास बजट दिया जाएगा. प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद gross state domestic product (GSDP) में ऐसे मेगा प्रोजेक्ट के योगदान, प्रभावशीलता को लगातार परखा जाएगा.  


यूपी का सकल घरेलू उत्पाद 2022-23 में अनुमानित 20.48 लाख रुपये है, जो 2021-22 के मुकाबले 17 फीसदी का इजाफा दिखाता है. कोरोना काल (coronavirus) में यूपी की जीडीपी(GDP) में 9.8 फीसदी का संकुचन देखने को मिला था, लेकिन उसके बाद इसमें बाउंस बैक आया है. 


यूपी का वित्तीय घाटा (fiscal deficit) 2022-23 में जीडीपी का करीब 4 फीसदी यानी 81 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी कम है. जबकि राजस्व अनुमान से 43,124 करोड़ रुपये अधिक हो सकता है,  यह दिखाता है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से कुलांचे भर रही है.