लखनऊ :  Yogi Adityanath vs Akhilesh Yadav : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में बजट सत्र के दौरान अखिलेश यादव शायराना अंदाज, रामचरित मानस की चौपाई पढ़ने, उनकी सरकार की कारगुजारियां गिनाते हुए करारा हमला बोला. उन्होंने रामचरित मानस की ढोल गंवार शूद्र पशु नारी वाली चौपाई को दोहराने की अखिलेश यादव की चुनौती स्वीकार की और उसकी व्याख्या कर विपक्ष को उनके ही दांव पर चित कर दिया. 


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1. सीएम योगी ने अखिलेश पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, एक कहावत है- शक्ति देना आसान है, बुद्धि देना बहुत कठिन, इसे सरल भाषा मे कहें विरासत में सत्ता तो मिल सकती है,लेकिन बुद्धि नहीं. विरासत में सत्ता तो मिल सकती है बुद्धि नहीं.


2.अखिलेश यादव के बार-बार सीट से उठने और हाथ उठाकर बात करने पर सीएम योगी ने कहा, नेता विरोधी दल अगर गुस्सा कम कर लें,तो प्रदेश को तो वो एकजुट नही कर पाए, कम से कम परिवार को एकजुट कर लेंगे.


3. हम राष्ट्रीय गौरव की बात करते हैं,सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्मतिथि मना रहे थे,लेकिन समाजवादी पार्टी जिन्ना की आरती उतार रही थी.इन्हें राष्ट्र को जोड़ने वाले,और तोड़ने वाले में अंतर ही नही पता,इसीलिए मैंने कहा शक्ति देना आसान है,बुद्धि देना कठिन है


4. हम खेल में नौकरी दे रहे हैं,नेता विरोधी दल अच्छे खिलाड़ी लगते हैं. सीएम योगी ने अखिलेश के क्रिकेट खेलने का जिक्र किया और पहली बॉल में अधिकारी द्वारा कैचआउट करने की बात कही, लेकिन उसे नोबॉल करार दे दिया गया. मैं तो अकेले ही खेलता हूं, अकेले ही आया हूं अकेले ही जाऊंगा.


5. राज्यपाल मातृ शक्ति की प्रतीक हैं,संवैधानिक प्रमुख हैं. उनकी बातों पर सम्मान होना चाहिए था. सदन में उनके लिए आचरण सही करना चाहिए था,एक महिला का विरोध,असंसदीय अशिष्ट भाषा,नारे लगाकर ये दुखद था.


6. जिस माफिया ने ये कृत्य किया है,वो आज प्रदेश से भगोड़ा है,वो माफिया इन्ही की पार्टी से एमपी एमएलए बना. माफिया कोई भी हो,उनको मिट्टी में मिलाने का काम हमारी सरकार करेगी.


7. सीएम योगी ने तुलसीदास (Tulsidas) की रामचरित मानस (Ramcharit Manas) की चौपाई विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीत, भय बिनु होई न प्रीत... सीएम योगी ने कहा, चलो हमारे ही भय के बहाने काका शिवपाल को सपा में सम्मान तो मिला. 


8. जिस संत ने रामचरितमानस की रचना की थी, उन्होंने बहुत अच्छा संदेश दिया था,वो राम को ही राजा मानते थे,मध्यकाल में तुलसीदास जी ने भगवान राम के माध्यम से एकजुट करने का प्रयास किया था.उनके रामचरितमानस को कुछ लोगो ने फाड़ने का काम किया,यही घटना अगर किसी दूसरे मजहब के  साथ हुई होती तो,देखते क्या होता.


9.तुलसीदास दास जी ने अवधी में रचना रची- अवधी में कहते हैं, एतनी देर से का ताड़त अहा!ताड़त का मतलब किससे है,देखने से. समाजवादी पार्टी का कार्यालय आज संत तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रही हैरामचरितमानस में ये प्रसंग समुद्र से रास्ता मांगने के समय आता है- ये वही पंक्ति है, ढोल गंवार,शुद्र पशु नारी, गंवार का मतलब अशिक्षित से है.


10. ये उत्तर प्रदेश की धरती राम कृष्ण की धरती है,इस धरती पर रामचरितमानस की रचना की गई, लेकिन ये लोग रामचरित मानस की प्रतियां जला रहे हैं. क्या ये आज पूरे 100 करोड़ के हिन्दू समाज को आप समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अपमानित नहीं कर रहे हैं.