नई दिल्‍ली : बुलंदशहर हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए सेना के जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया गया है. उसे मेरठ से बुलंदशहर भेजा गया है. वहां स्‍याना पुलिस स्‍टेशन में उससे पूछताछ की जा रही है. इस मामले में यूपी एसटीएफ के अभिषेक सिंह का कहना है 'हमने सेना के जवान को गिरफ्तार किया है. आरोपी जवान जीतू को सेना ने हमें देर रात 12:50 बजे पर हमें सौंपा है. उससे प्रारंभिक पूछताछ की गई है. उसे बुलंदशहर भेजा गया है. जीतू को कोर्ट में न्‍यायिक हिरासत में लेने के लिए पेश किया जाएगा.'


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इसके साथ ही यूपी एसटीएफ के एसएसपी का कहना है कि आरोपी जवान जीतू ने बुलंदशहर हिंसा के दौरान उपद्रवियों की भीड़ में शामिल होने की बात कुबूली है.



यूपी एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि आरोपी जवान ने इस बात को कुबूला है कि जिस समय बुलंदशहर में हिंसा होने वाली थी और भीड़ जुट रही थी तब वह भीड़ में मौजूद था. प्रारंभिक जांच में इसे सही पाया गया है. हालांकि अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि इंस्‍पेक्‍टर सुबोध सिंह और युवक सुमित को गोली मारने वालों में वह शामिल था या नहीं.


मेरठ से बुलंदशहर भेजा गया आरोपी जवान. फोटो ANI

अभिषेक सिंह के अनुसार जीतू ने इस बात को भी कुबूला है कि वह हिंसा के समय गांव वालों के साथ वहां मौजूद था. लेकिन उसने इस दौरान पत्‍थरबाजी की घटना में शामिल होने की बात से इनकार किया है. उसके मोबाइल की फॉरेंसिक जांच की जाएगी.


वहीं सेना के जवान जीतू की कथित संलिप्तता से जुड़ी खबरों की पृष्ठभूमि में थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि इस घटना की जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा. बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके के चिंगरावटी क्षेत्र में कथित गोकशी को लेकर उग्र भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा सुमित नामक एक अन्य युवक की मौत हो गई थी. इस सिलसिले में नौ लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.


उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम आरोपी थलसेना जवान को गिरफ्तार करने के लिए शुक्रवार को जम्मू रवाना हुई थी. जनरल रावत ने एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘हम (जांच में) पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे.’’


वहीं आरोपी जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को सोपोर से हिरासत में लिया गया. उसे हिरासत में लिए जाने के बाद उनके भाई धर्मेंद्र मलिक ने कहा 'मेरे भाई को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. वह इंस्पेक्टर की हत्या में किसी भी रूप में शामिल नहीं थे. मेरे पास उनके बेगुनाही के सुबूत हैं. धर्मेंद्र ने सीएम योगी से मदद की अपील की है.