Chardham Yatra 2024: चारधाम यात्रा का आंकड़ा क्या 50 लाख पार करेगा? जानें केदारनाथ से गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की डेट
Chardham Yatra 2024: दीपोत्सव के बाद अब चारधाम यात्रा समापन की ओर बढ़ रही है. आज मां भगवती गंगा के गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो जाएंगे. इसके साथ ही केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री के कपाट बंद होने की तारीखें भी तय हो गई हैं. पढ़िए
Chardham Yatra 2024: देवभूमि उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर है. चारों धामों के कपाट बंद होने की तारीख तय हो गई है. 2 नवंबर यानी आज गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. इसके साथ ही केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री के कपाट बंद होने की तारीख सामने आ गई है. इनके कपाट बंद होने में महज कुछ दिन ही बचे हैं. इस बीच भक्तों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मानें तो चारों धाम के कपाट नवंबर में बंद हो जाएंगे.
अब कहां होंगे मां गंगा के दर्शन?
जानकारी के मुताबिक, अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए दोपहर 12.14 बजे गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. गंगोत्री धाम में कपाट बंद होने से पहले पूजा अर्चना की गई. गंगोत्री धाम में हजारों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु पहुंचे. मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा के लिए रवाना होगी. भैया दूज पर मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा पहुंचेगी. कपाट बंद होने के बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन पड़ाव मुखबा स्थित गंगा मंदिर में होंगे.
कब बंद होंगे इनके कपाट?
रविवार को भैयादूज के मौके पर यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे. वहीं, तुंगनाथ धाम के कपाट चार नवंबर को बंद होंगे. इसके अलावा 17 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख तय है. ऐसे में चारों धाम के दर्शन जो भी भक्त करना चाहते हैं. उन्हें इन तारीखों से पहले दर्शन कर लेना होगा. इसके बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. आपको बता दें, इस साल 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. इस साल कपाट खुलते ही लाखों की भीड़ बाबा के दर्शन के लिए पहुंच गई थी, जिसकी वजह से कई लोग दर्शन भी नहीं कर पाए थे. कई भक्तों को तो बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा था.
क्यों बंद होते हैं कपाट?
दरअसल, चारों धाम ऊंचाई पर हैं. ऐसे में यहां ठंड और भी चरम सीमा पर रहती है. इन सभी धामों तक पहुंचने का रास्ता भी बेहद कठिन है, जो ठंड के समय और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. जैसे-जैसे आप ऊंचाई पर पहुंचते हैं, उतनी ही ठंड बढ़ती जाती है और आपको सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इन जगहों पर ठंड के समय भारी बर्फबारी भी होती है. जिसकी वजह से भैया दूज के बाद केदारनाथ के दर्शन बंद कर दिए जाते हैं.
छोटी है इस साल यात्रा?
रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल चारधाम यात्रा 30 दिन छोटी है. 22 अप्रैल 2023 को कपाटोद्घाटन के बाद गंगोत्री मंदिर के कपाट 14 नवंबर 2023 को बंद हुए थे. वहीं, यमुनोत्री मंदिर के कपाट 15 नवंबर 2023 को बंद हुए थे. इस तरह पिछले साल गंगोत्री धाम की यात्रा 207 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा 208 दिनों तक चली थी. गंगोत्री धाम में 9 लाख 5 हजार 174 और यमुनोत्री धाम में 7 लाख 35 हजार 244 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे. जबकि इस साल गंगोत्री धाम की यात्रा 177 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा 178 दिनों तक ही चली. इसके बावजूद अभी तक पंद्रह लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए. जिससे इस साल दैनिक औसत के आधार पर सबसे ज्यादा तीर्थयात्रियों के आने का रिकॉर्ड बना. वहीं, चारों धामों में अब तक 44 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है. इनमें सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या बाबा केदारनाथ में है. यात्रा के अंतिम दौर में भी दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों में गजब का उत्साह है.
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