लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ पांचवीं विभागीय कार्रवाई में आरोपपत्र जारी कर दिया है. अमिताभ ठाकुर पर तीन आरोप लगाए गए हैं. आरोपपत्र के अनुसार अफसर द्वारा 16 नवम्बर 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं दिया गया. साथ ही उन्होंने 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त दिया.


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आरोपपत्र में आईपीएस पर जो दूसरा आरोप लगाया है उसके मुताबिक अमिताभ ठाकुर द्वारा वर्षवार दिए गए वार्षिक संपत्ति विवरण में काफी भिन्नताएं हैं. साथ ही उनके द्वारा अपनी पत्नी व बच्चों के नाम से काफी संख्या में चल एवं अचल संपत्तियां, बैंक व पीपीएफ जमा, ऋण व उपहार प्राप्त हुए थे, किन्तु उन्होंने इसकी सूचना शासन को नहीं दी.


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इन कार्यों को अखिल भारतीय आचरण नियमावली 1968 के नियम 16(1) तथा 16(2) का उल्लंघन बताते हुए अमिताभ ठाकुर को 15 दिन में इनके संबंध में अपना जवाब देने को कहा गया है. इससे पूर्व अमिताभ ठाकुर पर 04 विभागीय कार्रवाइयां चल रही हैं जो वर्ष 2015-16 में शुरू हुई थीं. आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश काडर के 1992 बैच के आईपीएस अफसर है.


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