महाराजगंज/अमित त्रिपाठी: भारत में इस बार लहसुन की पैदावार कम होने की वजह से इसके दाम आसमान छू रहे हैं. भारत में कीमतों में इजाफा होने पर अब तस्कर चाइनीज लहसुन नेपाल और बांग्लादेश से भारत ला रहे हैं. चीन से लहसुन पहले नेपाल लाया जा रहा है फिर उसे भारत नेपाल की खुली सीमा के रास्ते सीमावर्ती क्षेत्र समेत यूपी कई शहरों में भेजा जा रहा है. चाइनीज लहसुन की चर्चा तब और बढ़ गई जब लखनऊ के एक वकील ने चाइनीज लहसुन को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए और जज से सवाल किए कि जब चाइनीज लहसुन बैन है तो यूपी में कैसे बिक रहा है? वहीं जज ने केंद्र और यूपी सरकार से रिपोर्ट भी मांगी जिसके बाद चाइनीज लहसुन को लेकर बहस शुरू हो गई.


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अगर आप अपने खाने में लहसुन का प्रयोग कर रहे हैं तो हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकता है जो बाजारों से लहसुन घर ला रहे हैं वो चाइनीज लहसुन हो सकता है. जो आपकी सेहत को खराब कर सकता है. दरअसल भारत में इस बार बाढ़ और बारिश के कारण लहसुन की पैदावार कम होने की वजह से इसके दाम आसमान छू रहे हैं. भारत में कीमतों में इजाफा होने पर अब तस्कर चीन से लहसुन भारत ला रहे हैं. चीन से लहसुन पहले नेपाल लाया जा रहा है फिर उसे भारत नेपाल की खुली सीमा के रास्ते सीमावर्ती क्षेत्र के बाजारों समेत कई शहरों में भेजा जा रहा है.


चीनी लहसुन पहुंचाता है सेहत को नुकसान
आपको बता दे कि जहां महराजगंज के बाज़ारों में भारतीय लहसुन 260- 300 रुपये किलो तक बिक रहा है. वहीं चीनी लहसुन बाज़ारों में 100 से 150 रुपये किलो में बिक रहा है. जिसका फायदा तस्कर उठा रहे हैं और खुली सीमा का फ़ायदा उठाकर नेपाल से भारी मात्रा में चाइनीज लहसुन भारतीय बाज़ारो में खपा रहे है. चाइनीज लहसुन के बारे में डॉक्टर अमित राव गौतम ने बताया कि यह हमारे सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है क्योंकि यह नेचुरल प्रोसेस से पैदावार नहीं होता है. इसको आर्टिफिशियल तरीके से पैदा किया जाता है दूसरा इसके कई साइड इफेक्ट हैं जैसे गैस्ट्राइटिस होना, पेट में सूजन होना और कैंसर . जिससे ये भारत मे प्रतिबंधित है.


दुकानदारों का क्या कहना है
सीमावर्ती जिलों के थोक और फुटकर व्यापारियों का मानना है कि चाइनीज लहसुन बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रहा है. देसी लहसुन महंगा है और यह बड़ी आसानी से तस्करी के माध्यम से यूपी के बाजारों में पहुंच रहा है. कम रेट पर चाइनीज लहसुन लाकर चार से पांच गुना मुनाफा कमा कर व्यापारियों द्वारा बेचा जा रहा है. किराना व्यपारियो का कहना है कि चाइनीज लहसुन को छिलने में आसानी होती है और उसका दाना मोटा होता है इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है. वहीं रेट में दोगुना अंतर होता है जिसके कारण चाइनीज लहसुन बेचा जा रहा है. वहीं फुटकर सब्जी के दुकानदारों का कहना है कि मंडियों में यही लहसुन बिक रहा है इसलिए मजबूरी में वह चाइनीज लहसुन बेचते हैं.


मजबूरी में खरीद रहे चाइनीज लहसुन
महाराजगंज जनपद के बाजारों में खरीदारी करने पहुंचे ग्राहकों का कहना है कि वह जब लहसुन खरीदने जाते हैं तो उन्हें दुकानदार चाइनीज लहसुन ही देते हैं. बाद में पता चलता है कि यह तो देसी नहीं चीनी लहसुन है क्योंकि सस्ते के कारण पूरे बाजारों में चाइनीज लहसुन बिक रहे हैं. इसलिए मजबूरी में उन्हें खरीदना पड़ता है. उन्हें पता है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन चाइनीज लहसुन खरीदने के लिए वह मजबूर रहते हैं.


क्यों बढ़ रही चीनी लहसुन की तस्करी
चाइनीज लहसुन में ज्यादा मुनाफा कमाने के चलते भारत-नेपाल सीमा पर इसकी तस्करी बीते दिनों काफी ज्यादा बढ़ गई है. बात करें अगर महाराजगंज जनपद की तो महाराजगंज के कस्टम की टीम ने बीते 3 महीनों में 9300 किलो चाइनीज लहसुन जब्त किया है. वहीं 1600 किलो चाइनीज लहसुन को बीते दिनों बर्बाद भी किया गया है.


2014 में सरकार ने लगाया चीनी लहसुन पर बैन
2014 में भारत सरकार ने चीन से आने वाले चाइनीज लहसुन के भारत में आयात पर बैन लगा दिया था. इस बैन के पीछे तीन वजह बताई गई थीं. एक तो जरूरत से ज्यादा रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल. दूसरा, चाइनीज लहसुन की गुणवत्ता भारत के मानक पर खरी नहीं उतरी और तीसरा चाइनीज लहसुन की कम कीमत भारतीय किसानों को घाटा पहुंचाती है. इसके कारण सरकार ने 2014 में ही चाइनीज लहसुन पर बैन लगा दिया था लेकिन चीन से नेपाल आया लहसुन भारतीय लहसुन से काफी सस्ता है और भाव मे भारी अंतर होने से नेपाल के रास्ते चीनी लहसुन को भारतीय बाज़ारो में बेचने पर तस्करों को खूब मुनाफा देता है. इसी वजह से नेपाल के रास्ते चाइनीज लहसुन की तस्करी हो रही है. बड़ा सवाल जब चीनी लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो कैसे यूपी के बाजारों में यह बिक रहा है और कब इस पर पूरी तरह से रोकथाम लगाया जाएगा.