चित्रकूट : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के पाठा क्षेत्र में मारकुंडी जंगल के पास बन रहे पहले स्काई ग्लास ब्रिज में पहली बारिश होने का बाद निर्माणों में हुई धांधली की पोल खुलने लगी है. मॉनसून की पहली बारिश में ही ग्लास ब्रिज के कई जगहों पर दरारें आने लगी है. जिसपर अब खूब सवाल खड़े हो रहे है.


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3.70 करोड़ की लागत से बना 
भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट के पर्यटन विकास के  उद्देश्य से वन विभाग द्वारा पाठा के घने जंगलों के बीच स्थित तुलसी जल प्रताप में 3.70 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश के पहले ग्लास ब्रिज का निर्माण कराया गया है. इसमें ब्रिज के साथ टिकट विंड़ो, सपास चबूतरे और सौंदर्यीकरण के काम शामिल हैं. 


इस ब्रिज को पवनसुत कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाया गया है. लेकिन मॉनसून की पहली बारिश ने ही इसके निर्माण की पोल खोल दी. बारिश होने के बाद ब्रिज के कई जगहों पर दरारें आने लगी. 


सरकार को कहा भ्रष्टाचारी
चित्रकूट से सपा विधायक अनिल प्रधान और सपा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य अनुज सिंह यादव का कहना है कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के चरम पर है. ब्रिज में आई दरारों के चलते सरकार पर सवाल उठ रहे है. सपा विधायक का कहना है कि अगर बारिश ज्यादा हुई होती तो ब्रिज गिर भी सकता था. 
उन्होने कहा कि इस ब्रिज के निर्माण की उच्चस्तर पर जांच कराई जाएं. साथ ही जिन लोगों ने इसके निर्माण में धांधली की है उनके खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाएं. वहीं दूसरी तरफ रानीपुर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के उपनिदेशक एनके सिंह ने बताया कि यह ब्रिज अभी हैंडओवर नहीं हुआ है. अभी ब्रिज में कुछ काम बाकी है. डीएम के साथ निरीक्षण के बाद निर्माण एजेंसी को कई अधूरे कामों को पूरा करने के लिए कहा है. इसकी सारी जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की है. 


निर्माण एजेंसी के प्रबंधन ने बताया कि बारिश के कारण प्रवेश करने वाले फुटिंग स्थल पर कुछ मिट्टी के खिसकने से दरार दिख रही है. जिसे सही कराया जाएंगा. इसमें जो भी कमी होगी उसका पता चल जाएंगा और इसमें सारे सुधार कर दिए जाएंगे ताकि आगे कोई समस्या ना हो.   


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