उत्तराखंड : निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार में बढ़ी तकरार
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन शाह ने आरोप लगाया कि मामले पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया.
देहरादून : उत्तराखंड में निकाय चुनाव कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार में तकरार बढ़ गई है. बुधवार (4 अप्रैल) को राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार पर आरोप लगाया कि मामले पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया. शाह ने दावा किया है कि निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री रावत से मिलने के लिए जुलाई 2017 में समय मांगा था. इसके बावजूद अभी तक उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं हो पाई है. बता दें स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. आयोग ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य में समय से निकाय चुनाव कराने की मांग की है.
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सरकार ने आरोपों को निराधार बताया
निकाय चुनाव को लेकर उत्तराखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच चल रही तकरार अब बढ़ गई है. बुधवार (4 अप्रैल) को उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार पर लग रहे सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने निकाय चुनाव को लेकर हर स्तर पर अपनी तैयारी की है. कौशिक ने यह भी कहा कि एक दिन पहले ही मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त की सीएम त्रिवेंद्र रावत से लंबी बातचीत हुई है. इससे पहले अधिकारी भी लगातार राज्य निर्वाचन आयोग के साथ बैठक करते रहे हैं.
नहीं मिला मुलाकात का समय
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन शाह के अनुसार आयोग ने 22 सितंबर, 2017 से ही वोटर लिस्ट अपडेट करने का कार्य शुरू कर दिया था. इसके बावजूद सरकार ने सीमा विस्तार और निकायों को अपग्रेड का काम शुरू करके इस काम में अप्रत्यक्ष रूप से बाधा पहुंचाई. उन्होंने बताया कि पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात का समय मांगा था. इसके बाद से आयोग सीएम के निजी सचिव के लगातार संपर्क में रहा, लेकिन अभी तक उन्हें मिलने के लिए समय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव को लेकर सरकार की हीलाहवाली के बाद ही उन्हें चुनाव की मांग के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ा.
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