लखनऊ: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश में कोरोना वैक्सीन (कोवैक्सीन) का ट्रायल चल रहा है. उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच योगी सरकार ने भारत बायोटेक को कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति प्रदान कर दी है जो राजधानी लखनऊ और गोरखपुर में किया जायेगा.


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अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक डॉ. वी कृष्णामोहन को लिखे एक पत्र में इस  बात की मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि गोरखपुर और लखनऊ में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी जाती है जो भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सम्पन्न होगा.


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क्लिनिकल ट्रायल के लिए नियम 
अब उत्तर प्रदेश के दो शहरों लखनऊ के पीजीआई और गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा. आपको बता दें कि क्लिनिकल ट्रायल से पहले एथिकल कमेटी बनाई जाती है. कमेटी में डॉक्टर, समाजसेवी और वकील भी शामिल होते हैं. एथिकल कमेटी के रिकमेंडेशन पर ही ह्यूमन ट्रायल किया जाता है.


क्लिनिकल ट्रायल उसी व्यक्ति पर किया जाता है जिसकी इसके लिए सहमति हो. व्यक्ति को वैक्सीन के बारे में पूरी जानकारी होती है. क्लिनिकल ट्रायल के विभिन्न चरण होते हैं जिसका डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम बहुत सूक्ष्म स्तर तक विश्लेषण करती है. शरीर में होने वाले बदलाव और उस वैक्सीन के असर को भी बहुत सूक्ष्म स्तर तक देखा जाता है.


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