IIT BHU छात्रा से गैंगरेप के आरोपी युवकों की एक गलती ने पहुंचाया सलाखों के पीछे, पुलिस भी रह गई थी दंग
आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप मामले में पुलिस द्वारा की जा रही पड़ताल में पता चला कि आरोपितों की स्पष्ट तस्वीर चेतगंज के पास मिली थी. उधर पुलिस की गतिविधियों से वाकिफ आरोपित अपनी गिरफ्तारी तय मान लगातार ठिकाना बदल रहे थे. जबकि पुलिस उन्हें एक साथ गिरफ्तार करने की फिराक में थी. आइए जानते हैं कैसे पुलिस मिशन में कामयाब हुई.
वाराणसी : आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात पुलिस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में तीन युवकों की गिरफ्तारी के बाद कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई है. ऐसे में तीनों आरोपितों कुणाल पांडेय, सक्षम सिंह पटेल और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान की तस्वीर बीट के सिपाहियों के जरिए उनके मोहल्ले वालों तक ले जाकर जानकारी जुटाई तो इनके मनबढ़ होने का पता चला. आशंका गहराने की वजह यह भी थी कि तीनों एक बुलेट पर घटनास्थल से गुजरे थे.
पुलिस द्वारा की जा रही पड़ताल में पता चला कि आरोपितों की स्पष्ट तस्वीर चेतगंज के पास मिली थी. उधर पुलिस की गतिविधियों से वाकिफ आरोपित अपनी गिरफ्तारी तय मान लगातार ठिकाना बदल रहे थे. जबकि पुलिस उन्हें एक साथ गिरफ्तार करने की फिराक में थी.
ऐसे में रणनीति के मुताबिक चुप्पी साध ली गई और आरोपित इस चाल को समझ नहीं सके. वे अपने घर लौट आए. इस दौरान सर्विलांस के सहारे आरोपितों का घरों पर लोकेशन मिली तो लंका पुलिस की दो टीमें और क्राइम ब्रांच ने एक साथ दबिश देकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी आरएस गौतम के मुताबिक लंका थाने के प्रभारी शिवकांत मिश्रा और इंस्पेक्टर क्राइम ने तथ्यों के सहारे तफ्तीश की तो एसपीपी डा. अतुल अंजान त्रिपाठी ने मजबूत निगरानी की और आखिर में आरोपितों को पकड़ने में सफलता मिली.
बुलेट पर नंबर प्लेट लगाने की रणनीति काम न आई
वारदात के पहले कुणाल पांडेय बगैर नंबर प्लेट वाली बुलेट से घूमता था. वारदात वाली रात भी उसकी बुलेट पर नंबर प्लेट नहीं थी. बाद में उसने पुलिस की जांच को भ्रमित करने के लिए नंबर प्लेट लगा ली. हालांकि इसका कोई फायदा नहीं हुआ. उसने एक साल पूर्व बुलेट खरीदी थी.
पीएमओ ने मांगी थी मामले की रिपोर्ट
पुलिस घटना के बाद शुरुआत में बहुत गंभीर नहीं थी. प्रधानमंत्री कार्यालय से (पीएमओ) पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन से रिपोर्ट मांगी तो उच्चाधिकारियों की तंद्रा टूटी. डीआइजी चिनप्पा शिवसिंपि, एडीसीपी चंद्रकात मीणा आदि अधिकारी बच्चों के बीच जाकर पुलिस कार्रवाई पर चर्चा करते उन्हें भरोसे में लेना शुरू किए. उसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए थे.
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आईआईटी बीएचयू की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म से पहले एक नवंबर की रात आरोपी कुणाल पांडेय अपनी बाइक से दोस्तों अभिषेक चौहान उर्फ आनंद और सक्षम पटेल के साथ चेतगंज की नक्कटैया मेला देखने गया था. पुलिस की पूछताछ में तीनों ने बताया कि उन्होंने शराब पी रखी थी. नक्कटैया देखने के बाद तीनों बीएचयू कैंपस में सिंह द्वार से प्रवेश किए और आईआईटी की ओर गए.
तीनों ने सुनसान जगह देखकर बीटेक की छात्रा के साथ गैंगरेप की कथित वारदात को अंजाम दिया. फिर, हैदराबाद गेट से निकलकर बाईपास की ओर चले गए. लगभग आधा घंटे तक तीनों बाईपास की ओर रहे. इसके बाद सक्षम और अभिषेक को कुणाल ने उनके घर पर छोड़ा. रात 2:30 बजे के बाद कुणाल अपने घर पहुंचा था.
पुलिस पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि एक नवंबर की रात उन्होंने वारदात को अंजाम दिया. दो और तीन नवंबर की रात को उन्होंने देखा कि वारदात के विरोध में आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. इस पर तीनों डर गए और शहर छोड़कर मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार में लग गए.