Irfan Solanki Jajmau Fire Case: जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. आज यानी 19 मार्च को आगजनी केस में कोर्ट फैसला आना था जो टल गया है. MP/MLA कोर्ट के जज सतेंद्र नाथ त्रिपाठी के अवकाश पर होने के चलते फैसला नहीं आएगा. इरफ़ान सोलंकी और सभी आरोपी सिर्फ कोर्ट में सिग्नेचर कर वापस लौट जायेंगे. 


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इरफान सोलंकी विधायकी जाने पर भी तलवार लटकी हुई है. इरफान के खिलाफ आगजनी केस में जिन धाराओं में मुकदमे का ट्रायल हुआ है,  उसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. अगर दो साल या इससे ज्यादा की सजा हुई तो इरफान की विधानसभा सदस्यता भी रद्द हो जाएगी. 


बता दें कि पहले इरफान सोलंकी पर गुरुवार को कोर्ट का फैसला आना था, जो टल गया. एमपीएमएलए कोर्ट ने अगली सुनवाई की तरीख 19 मार्च तय की थी. कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी महराजगंज जेल में बंद हैं. आज वह एमपी-एमएलए कोर्ट के बाद लोअर कोर्ट में फैसले के लिए जाएंगे. अभियोजन पक्ष को सजा होने भरोसा है, वहीं बचाव पक्ष केस में बरी होने की उम्मीद कर रहा है.  


क्या है पूरा मामला 
दरअसल पूरा मामला साल 2022 का है. आरोप है कि सपा विधायक इरफान और उनके भाई रिजवान सोलंकी जाजमऊ क्षेत्र में रहने वाली नजीर फातिमा के प्लॉट पर बनी झोपड़ी पर कब्जा करना चाहते थे. नजीर फातिमा ने 8 नवम्बर 2022 को दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई. पीड़िता के मुताबिक 7  नवम्बर की रात उनका परिवार किसी के निकाह में गया था. तभी इरफान और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी. जिससे घर का सारा सामान खाक हो गया था.


इसमें धारा 147, 436, 506, 327, 427, 386, 504, 106 बी की रिपोर्ट जाजमऊ थाने में दर्ज की गई थी. डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने पहले विधायक इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें गवाही और बहस पूरी हो चुकी है.


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