Rampur News: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित कारतूस कांड में शुक्रवार को सजा का ऐलान किया गया. रामपुर कारतूस कांड मे 24 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई.  सभी आरोपियों पर 10 - 10 हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया. एक दिन पहले ही सभी आरोपियों को धारा 413, 409, 120 B में दोषी करार दिया गया था. रामपुर में 10 अप्रैल 2010 को पुलिस ने सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वाला नगर में रेलवे क्रासिंग के पास से एसटीएफ की टीम ने सीआरपीएफ के दो हवलदारों को गिरफ्तार कर कारतूस कांड का खुलासा किया था. उनके पास से भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए थे. इसी आधार पर कई जिलों में फैले इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया था. 


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इन पर कारतूस नक्सलियों को सप्लाई करने का आरोप लगा था, जिनका दंतेवाड़ा हमले में इस्तेमाल किया गया था. इस मामले में गिरफ्त में आए दोनों हवलदारों की निशानदेही पर ही इलाहाबाद पीएसी से रिटायर्ड एक दरोगा, मुरादाबाद पीटीसी के एक आर्मर समेत बस्ती, गोंडा, बनारस समेत कई जिलों से पुलिस व पीएसी के आरमोरर सहित 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें 20 पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ कर्मी है. जबकि पांच नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया था. एक आरोपी पीएसी के रिटायर्ड कर्मी की मौत भी हो चुकी है.


इन आरोपियों को दंतेवाड़ा और अन्य जगहों के नक्सलियों को कारतूस की आपूर्ति करने का आरोप लगा था. ये मामला बेहद संगीन था और इसी के तहत कड़ी सजा का ऐलान आरोपियों के खिलाफ किया गया है.


अपर जिला शासकीय अधिवक्ता 
प्रताप सिंह मौर्या ने बताया कि कारतूस नक्सलियों को सप्लाई करने और दंतेवाड़ा हमले में इस्तेमाल होने का भी आरोप सही पाया गया था. कारतूस कांड के तार कई जिलों में पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ कर्मियों के बीच जुड़े पाए गए. पीएसी का एक जवान भी मामले में आरोपी थी, लेकिन उसकी पहले ही मौत हो चुकी है.


 


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