यूपी पुलिस पेपर लीक का मास्टरमाइंड खुद इंजीनियर, पूछताछ में बताया-कैसे और कितने में करता था डील
UP Police Paper Leak Case: यूपी एसटीएफ द्वारा दबोचे गए यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ने कई खुलासे किए हैं. आरोपी ने बताया कि कैसे पेपर लीक हुआ और कितने में इसकी डील हुई थी.
UP Police Paper Leak Case: यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा को पुलिस ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर चुकी है. यूपी एसटीएफ द्वारा दबोचे गए आरोपी ने कई खुलासे किए हैं. वह पहले भी इस तरह के मामलों में शामिल रहा है. उसने हर कैंडिडेट से पेपर सॉल्व कराने के लिए 5 से 7 लाख रुपये में सौदा किया था. कुछ से उसे यह रकम मिली थी जबकि जिन परीक्षार्थियों ने पैसा नहीं दे पाया, उनके डॉक्यूमेंट्स अपने पास रख लिए और पैसा मिलने पर लौटाने की बात कही.
कैसे लीक हुआ पेपर
दरअसल यूपी पुलिस भर्ती के पेपर की प्रिंटिंग अहमदाबाद (गुजरात) की एक प्रिंटिंग प्रेस में हुई थी. इनको ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के वेयरहाउस में भेजा जाता था, यहां से इनको यूपी लाने की जिम्मेदारी इसी कंपनी के पास थी. इस कंपनी में काम करने वाले अभिषेक को रवि अत्रि जानता था, जिसकी मदद से उसने कंपनी में काम करने वाले शिवम गिरि और रोहित पांडे को साथ लिया. जबकि सीलबंद बक्से से पेपर निकालने के लिए पटना (बिहार) से शुभम को बुलाया.
पहले भी जा चुका है जेल
एसटीएफ अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी राजीव नयन मिश्रा प्रयागराज का रहने वाला है. जो अभी भोपाल में रहता है. उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है, उसने अपने मामा के यहां रहकर पढ़ाई की. भोपाल में इंजीनियरिंग के बाद उसने यहां युवाओं को परीक्षा पास कराकर सरकारी नौकरी दिलाने का ख्वाब दिखाने लगा. आरोपी यूपी टीईटी पेपर लीक केस में कौशांबी से जेल जा चुका है. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि रवि अत्रि ने उसे कॉल कर ऑफर दिया था कि " यूपी सिपाही भर्ती का पेपर मैं तुमको दूंगा. तुम मध्यप्रदेश में इसे पढ़वाना और पैसा कमाना. जो भी पैसा मिलेगा, उसका एक हिस्सा तुमको भी दिया जाएगा."
सरकार ने रद्द की थी परीक्षा
बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का आयोजन 17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में चार पालियों में 2,385 केंद्रों पर किया गया था. जिसमें 48 लाख से अधिक युवा शामिल हुए थे. इनमें करीब 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी थीं. लेकिन पेपर लीक की रिपोर्ट मिलने बाद योगी सरकार ने भर्ती को रद्द कर दिया था और अगले 6 महीने में एग्जाम कराने के निर्देश दिए थे.
कई आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
यूपी पुलिस ने इससे पहले 18 फरवरी को परीक्षा में साजिश रचने के आरोप में राज्य भर से 244 लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में मार्च में, यूपी एसटीएफ ने मामले में मेरठ और दिल्ली से सात और लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों के अनुसार, आरोपी प्रश्न पत्र लीक मामले में शामिल एक गिरोह के सदस्य थे. मेरठ निवासी दीपक, बिट्टू, प्रवीण, रोहित, नवीन और साहिल को कांकेर खेड़ा पुलिस स्टेशन के एक घर से गिरफ्तार किया गया था.
गौतमबुद्धनगर निवासी प्रमोद पाठक को भी गिरफ्तार किया गया था.
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