महराजगंज: साइबर ठगी के रोजाना दर्जनों मामले सामने आते रहते हैं. जिसमें पलक झपकते ही ठग आपके खाते से गाढ़ी कमाई के पैसे पर हाथ साफ कर देते हैं. वह ठगी करने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं, कभी ऑनलाइन शॉपिंग करवाने के बहाने तो कभी खाते से नकदी उड़ा करके. लेकिन ताजा मामला इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला है. यहां एक युवक ने मालिक से बदला लेने के लिए मोबाइबल एप के जरिए व्यापारी को साढ़े तीन लाख रुपये का चूना लगा दिया. 


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क्या है पूरा मामला
दरअसल, महराजगंज जिले के कोठीभार पुलिस और जिले की साइबर क्राइम टीम ने गुरुवार को साइबर फ्रॉड कर खाते से रुपया उड़ाने वाले युवक को गिरफ्तार किया है. युवक ने मोबाइल एप के जरिए एक व्यापारी के खाते से साढ़े तीन लाख रुपये उड़ा लिए. पुलिस से शिकायत के बाद साइबर क्राइम टीम ने  आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हैं.


मालिक से बदला लेने के लिए किया ऐसा
पकड़े गए आरोपी ने बताया कि वह कोठीभार थाना क्षेत्र के सबयां में स्थित खाद बीज सीमेंट की दुकान पर काम करता था. उसका मालिक ठीक नहीं था. वह बार-बार उसे परेशान करता था. उसे घर जाने के लिए छुट्टी भी नहीं मिली, साथ ही मालिक ने उसे काम से भी निकाल दिया. काम से निकालने के बाद बदला लेने के लिए उसने मालिक के साथ ठगी का प्लान बनाया.


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कैसे की ठगीआरोपी युवक ने बताया कि उसने प्ले स्टोर पर मौजूद एक एप को व्यापारी के मोबाइल में डाउनलोड कर उसके सभी मैसेज अपने मोबाइल/लैपटॉप पर देख लिए और इन्हीं में उसे बैंक की तरफ से आने वाला ओटीपी भी मिल गया जिसकी मदद से उसने चंद मिनटों में पैसा निकाल लिया. एसपी महराजगंज प्रदीप गुप्ता ने पूरी घटना पर जनकारी देते हुए बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.


 


कैसे बचें
आजकल पेटीएम या अन्य मोबाइल वॉलेट की केवाईसी के नाम पर खूब धोखाधड़ी हो रही है. साइबर क्रिमिनल रिमोट एक्सेस ऐप से या फिर क्यूआर कोड को स्कैन कराने के बहाने लोगों का बैंक खाता साफ कर रहे हैं.  इसलिए अपने फोन में किसी तरह का कोई सॉफ्टवेयर या ऐप डाउनलोड न करें. इन एप से दूरी बना कर रखें. साथ ही अपना फोन समय-समय पर अपडेट करते रहें और अपनी कोई भी गोपनीय जानकारी किसी के साथ शेयर ना करें. 


कानून में सजा
साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों के लिए आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामूली जुर्माने से लेकर आजीवन कैद तक के प्रावधान किए हैं. भारत में भी साइबर क्राइम मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. सरकार ऐसे मामलों को लेकर काफी गंभीर है. भारत में साइबर क्राइम के मामलों में सूचना तकनीक कानून, 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून, 2008 लागू है, लेकिन इसी श्रेणी के कई मामलों में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी), कॉपीराइट कानून, 1957, कंपनी कानून, सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक कि आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है.


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