Covid 19 के संकट के बीच दारुल उलूम फिरंगी महल का फतवा, कोरोना को छिपाना नाजायज
फिरंगी महली ने फतवे के जरिए कहा है कि कोरोना को छिपाना कतई जायज नहीं है, अगर लोग महामारी में अपना इलाज और टेस्ट नहीं कराते हैं तो ये बिल्कुल गैर शरई हैं.
लखनऊ: निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए कुछ जमातियों के कोरोना संक्रमित होने और देश के अलग-अलग कोने में छिपे होने की खबरों के बीच दारुल उलूम फिरंगी महल लखनऊ ने एक फतवा जारी किया है. जिसमें इस्लाम को मानने वालों को कोरोना का टेस्ट कराने के लिए कहा गया है. फिरंगी महली ने फतवे के जरिए कहा है कि कोरोना को छिपाना कतई जायज नहीं है, अगर लोग महामारी में अपना इलाज और टेस्ट नहीं कराते हैं तो ये बिल्कुल गैर शरई हैं. इस्लाम में एक इंसान की जान बचाना कई इंसानों की जान बचाने जैसा है.
गौरतलब है कि फतवा ऐसे वक्त में आया है, जब कोरोना संकट के बीच हुए निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं. अब तक आई जांच रिपोर्ट में लगभग 400 जमातियों में कोरोना की पुष्टि हुई है. जबकि कुछ रिपोर्ट्स का आना बाकि है. चिंता की बात ये है कि हजारों की संख्या में मरकज में शामिल होकर लौटे जमाती देश के अलग-अलग कोने तक पहुंच चुके हैं. वे न तो खुद सामने आ रहे हैं और ना ही कोरोना टेस्ट कराने के लिए मान रहे हैं.
घरों में ही नमाज पढ़ें: दारूल उलूम देवबंद
उधर, सहारनपुर में दारुल उलूम देवबंद की ओर से कोरोना संकट पर मस्जिद में एक साथ केवल 5 लोगों के नमाज पढ़ने का फतवा जारी किया है. फतवे के मुताबिक मस्जिदों में इमाम सहित पांच लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा करें. इसके अलावा सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर ही नमाज पढ़ें. उलेमाओं ने कहा कि कोरोना की रोकथाम पर बने नियम कानून को गंभीरता से लेने की जरुरत है.