देहरादून: नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) की इंसानित की हर ओर तारीफ हो रही है. उनका एक ऐसा किरदार जमाने ने देखा है, जो कम देखने को मिलता है. नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी देहरादून (Dehradun) के जोगीवाला में विवेकानंद स्कूल (Vivekananda School) के दो छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. दसवीं के छात्र आर्यन थापा और अमन डबराल को पिछले तीन सालों के लिए कबीर मेमोरियल स्कॉलरशिप (Kabir Memorial Scholarship) अभिजीत बनर्जी दे रहे हैं, जिससे इन छात्रों की पढ़ाई चल रही है.


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जानकारी के मुताबिक, वह अपने दिवंगत पुत्र कबीर की याद में वह छात्रवृत्ति देते हैं. इससे पहले भी अभिजीत इसी स्कूल के एक अन्य छात्र का हॉस्टल और पढ़ाई का खर्च दे चुके हैं. अभिजीत बनर्जी की मां निर्मला बनर्जी और विवेकानंद स्कूल की संस्थापक सदस्य गौरी मजूमदार बचपन से ही सहपाठी रही हैं. 


मजूमदार के माध्यम से ही अभिजीत स्कूल के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. गौरी मजूमदार कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल में अभिजीत बनर्जी की शिक्षिका रही हैं  वहीं, गौरी के दिवंगत पति प्रोफेसर तपस मजूमदार ने साल 1983 में जेएनयू में अभिजीत को अर्थशास्त्र की शिक्षा दी थी.


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नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत के पुत्र कबीर का आकस्मिक निधन हो गया था. उनकी स्मृति को बनाए रखने के लिए गौरी ने ही निर्मला बनर्जी से जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में मदद का आग्रह किया था. इस अनुरोध को स्वीकारते हुए अभिजीत ने देर नहीं लगाई और स्कूल के दसवीं के छात्र नत्थानपुर निवासी आर्यन थापा और अजबपुर कलां निवासी अमन डबराल को 3 सालों के लिए कबीर मेमोरियल स्कॉलरशिप मिली है, जिससे दोनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.