सुरेंद्र डसीला/देहरादून :  उत्तराखंड के पहाड़ों में बड़े पैमाने पर अंग्रेजों द्वारा बनाए पुल हैं, जो हेरिटेज भी हैं और अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं. लेकिन पुराने होने के चलते इन पर गाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी गई, ऐसे में धामी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए चारधाम यात्रा मार्ग पर अनुपयोगी हो चुके पुराने पुलों को पर्यटक सुविधाओं के लिए उपयोग में लाने की योजना बनाई है. सरकार ने यह फैसला लिया है, इन पुलों पर रेस्टोरेंट, पार्किंग और शौचालय बनाये जाएंगे, जिसकी मंजूरी भी मिल गई है. कैबिनेट ने पहले चरण में टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में तीन पुलों पर रेस्टोरेंट, पार्किंग और शौचालय बनाने की मंजूरी दी है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी विभाग के पुराने पुलों का इस्तेमाल करने का ये प्रयोग अनोखी पहल मानी जा रही है. जिसका भविष्य में फायदा होना तय है.


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पुलों की NOC मांगी 
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने एक योजना बनाई है.जिसमें प्रदेश के पुराने अनुपयोगी पुलों का नवीनीकरण कर के उन्हें दुबारा उपयोग में लाया जा सकें जिससे पर्यटन विभाग को लाभ मिले और पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. इस योजना के लिए पर्यटन विभाग ने लोक निर्माण विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है. जिसमें पुलों की NOC मांगी गई है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से इन पुलों को पर्यटक सुविधाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा


चारधाम यात्रा में भरपूर सुविधा
लोक निर्माण विभाग के चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित ऐसे 03 देवली बगड़, पाखी जलग्वार और गुलर अनुपयोगी पुल जो कि वर्तमान में आवागमन के लिए उपयोग में नहीं हैं. लेकिन वर्तमान में ठीक स्थिति में है. उनको पर्यटन की दृष्टि से फूड स्टेशन / टॉयलेट / रेस्टोरेन्ट आदि के रूप में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से वेसाइड एमेनिटीज के रूप में विकसित किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया. जिससे कि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को सुविधा तथा राज्य को राजस्व प्राप्ति भी होगी. इसके अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्र में भी ऐसे पुलों पर रेस्टोरेंट डेवलप किए जाने की योजना है.


 


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