पीएम मोदी के `अटल इरादों` से वैश्विक पटल पर उभरती भारत की तस्वीर
9 Years Modi Government: लोकतंत्र मे सरकारों का आना जाना एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और एक सरकार के कार्यों को दूसरी सरकार आगे बढ़ाती रही है लेकिन विश्व भर मे ऐसे जन नायकों की कमी नही है, जिन्होंने सकारात्मक ऊर्जा के साथ लीक से हटकर कदम बढ़ाए हैं और इतिहास में उनका नाम दर्ज हो गया।
देहरादून : आज भारत की वैश्विक पटल पर उभरती छवि और बेहतरीन तस्वीर सामने आ रही है तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और अटल इरादे से एक नये इतिहास के सृजन की ओर है। आज भारत विश्व के अग्रिम देशों के साथ नेतृत्वकर्ता की भूमिका में खड़ा है और देश आर्थिक, सैन्य, विज्ञान प्रोधोगिकी, कृषि सहित हर क्षेत्र में समृद्धि की ओर अग्रसर है।
आज आस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूरोप जैसे ताकतवर देशों का ‘मोदी इज द बॉस’ का संबोधन या ऑटोग्राफ मांगने जैसी स्थिति उनकी लोकप्रियता अथवा स्वीकार्यता को सहज स्वीकार कर रहे हैं। दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री, विश्लेषक, विचारक- एक सुर में 21वीं सदी भारत की सदी बता रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ इच्छाशक्ति से भारत के समग्र विकास की रोशनी पूर्व से पश्चिम को रोशन कर रही है। कहा जा सकता है कि 7 दशकों से स्थायी विकासशील देश के टैग को हटाकर हम विकसित भारत के लिए निर्णायक रूप में आगे बढ़ गए हैं।
इसके अलावा दुनिया का प्रधानमंत्री मोदी को अपना लीडर मानने का एक और बड़ा कारण इन 9 वर्षों में राजनीति में विकासवाद और प्रशासन में मानवीय संवेदनाओं को महत्व देते हुए नए भारत का निर्माण होना है। मोदी ने राजनीति का नया सिद्धान्त ''डेमोक्रेसी केन डिलीवर'' को गुजरात से देश और देश से दुनिया को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिखाया है।
यहां जब हम राजनीति में विकासवाद की बात करते हैं तो वो दुर्भाग्यपूर्ण दौर भी जेहन में उभरता है, जब देश में जातिवाद, क्षेत्रवाद, समुदाय विशेष के तुष्टिकरण, वोट बैंक व तात्कालिक लाभ के लिए सरकारें बनती और चलती थी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही है जिन्होंने विकास के विषय को राजनीति और प्रशासनिक मुख्यधारा में स्थापित किया है। जिसका परिणाम है कि देश मे चुनावी सभाओं, सार्वजनिक मंचों, मीडिया जगत एवं व्यक्तिगत चर्चाओं में जीडीपी, मुद्रास्फीति, व्यापारिक व औद्योगिक निवेश समेत तमाम आर्थिक विषय आज छाए रहते हैं।
पीएम मोदी के नेतृत्व में 140 करोड़ भारतवासियों के सामर्थ्य से इन 9 स्वर्णिम वर्षों में हम 200 साल देश पर राज करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व मे 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बने हैं। आर्थिक आंकड़ों में थोड़ा सा भी बदलाव देश में चर्चा का विषय बन जाता है और नागरिकों में आयी इसी जागरूकता का परिणाम है कि हम अपने पड़ोस के देशों और विश्व के हालातों पर पैनी नजर रखते हैं। यही वजह है कि नकारात्मक स्वभाव वाले तमाम लोग व संस्थाएं कुछ भी आरोप लगाए, लेकिन तुलनात्मक अध्ययन के बाद जनता को देश निरन्तर विकास पथ पर आगे बढ़ता नज़र आता है। आज दुनिया भी स्पष्ट स्वीकार कर रही है कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है।
2014 के बाद के वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी सरकारी मशीनरी एवं नीतिगत प्रक्रिया निर्माण की कार्यशैली में गुणात्मक परिवर्तन लाने में सफल हुए हैं । उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि राजनीति के माध्यम से होने वाले काम सेवा के साथ ही परफॉरमेंस, नीतिगत बदलावों, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के लिए भी होनी चाहिए।
यही वजह है कि लोकप्रिय निर्णय लेने के बजाए नोटबन्दी, जीएसटी, सख्त कोविड गाइडलाइंस, तीन तलाक, डिजिटलाइजेशन, धारा 370 हटाने जैसे अनेकों कठिन निर्णय लिए, लेकिन राष्ट्र हित के तमाम अनिवार्य कदमों को उन्होंने उठाया। प्रधानमंत्री के दूरदृष्टि नेतृत्व एवं दृढ़ इच्छा शक्ति को लेकर देशवासियों के विश्वास और सहयोग का ही नतीजा है कि जब दुनिया मंदी का सामना कर रही है तब भारत में सबको अपना आर्थिक भविष्य नजर आता है।
संविधान में लिखी जनकल्याणकारी सरकार की अवधारणा को अक्षरशः यदि किसी ने धरातल पर उतारने का प्रयास किया है तो वो मोदी सरकार ही है। उन्होंने सरकार की योजनाओं को फाइलों से निकालकर व्यवहारिक और मानवीय दृष्टिकोण दिया। उदाहरणस्वरूप देखें तो, पहले भी स्वास्थ्य क्षेत्र में योजनाएं बनीं, लेकिन मोदी ने जिस तरह गरीबों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए आयुष्मान योजना में 5 लाख रुपये तक के इलाज की व्यवस्था की वह सर्वस्पर्शी है।
इसी तरह 48 करोड़ जनधन खाते,11 करोड़ लोगों को शौचालय, 10 करोड़ से अधिक किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला में मुफ्त सिलेंडर से 9 करोड़ महिलाओं को धुएं से मुक्ति, 3.5 करोड़ घरों में बिजली कनेक्सन, 12 करोड़ घरों में नल से जल, 3.5 करोड़ लोगों को पीएम आवास योजना में घर, 80 करोड़ लोगों के लिए अनाज की चिंता करना समेत अनेकों सर्वव्यापी योजनाएं हैं जो अमूमन बेजान सरकारी योजनाओं को ह्यूमन टच देने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास है।
इसके अलावा मोदी मिशन 2047 के लक्ष्य को लेकर समृद्ध भारत की कल्पना के साथ आगे बढ़ रहे है। उनका विजन इस अवधि मे देश को एक विकसित राष्ट्र और दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाना है जो कि वर्तमान परस्थितियों मे संभव भी जान पड़ता है।
यद्यपि उत्तराखंड में रहकर जब हम इस विषय पर बात करते हैं तो मोदी सरकार के इन 9 वर्षों के कार्यों का दायरा और अधिक व्यापक हो जाता है। सरल शब्दों में कहें तो विकास का डबल इंजन, राज्य में पहाड़ से लेकर मैदान तक तेज गति से दौड़ रहा है। सर्वविदित है कि प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से अपार स्नेह रहा है और यही वजह है कि भौगौलिक व जनसंख्या की दृष्टि से हमारे छोटे से प्रदेश में 1.5 लाख करोड़ की केंद्रीय विकास परियोजनाएं चल रही हैं। शानदार होती कनेक्टिविटी के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार समेत सभी क्षेत्रों में हो रहे ढांचागत विकास और अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से संवरता उत्तराखंड आज बदलते भारत की कहानी कह रहा है। संक्षेप में कहें तो मोदी सरकार के ये 9 साल उत्तराखंड के लिए बेमिसाल साबित हुए हैं।
उपरोक्त तमाम योजनाओं का सर्वाधिक लाभ के अतिरिक्त भी अनेकों योजनाओं ने राज्य के चहुमुखी विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । चाहे वो चार धामों को जोड़ती 12 हज़ार करोड़ की लागत वाली ऑल वेदर रोड की बात हो, चाहे सामरिक एवं आर्थिक दृष्टि से लाभकारी 16 हज़ार करोड़ की ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल योजना की बात, चाहे लगभग 4 हज़ार करोड़ की श्री बद्री केदार पुनर्निर्माण व अन्य धार्मिक परियोजनायें, मानसखंड मंदिर माला मिशन, दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड, वंदे भारत व अन्य ट्रेनें, हवाई कनेक्टिविटी, नया एम्स, मेडिकल व नर्सिंग कालेज, गंगोत्री धाम से चारो धामों में 5G नेटवर्क की शुरुआत, श्री अन्न योजना से स्थानीय किसानों को लाभ, वाइब्रेंट योजना से सीमावर्ती क्षेत्रों को लाभ समेत अनेकों योजनाएं हैं ।
फिलहाल विश्वासपूर्वक कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आजाद भारत के इस स्वर्णिम काल में उत्तराखंड अपना योगदान 2025 तक श्रेष्ठ राज्य बनकर अवश्य देगा ।
(पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का आलेख)