Dehradun: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड डेढ़ साल बाद फिर से सुर्खियों में आ गया है. अंकिता भंडारी को न्याय की मांग पहाड़ों से लेकर मैदान में गूंज रही है. उत्तराखंड के राजनीतिक और समाजिक जीवन में लाने वाले इस हत्याकांड को सोशल मीडिया पर ट्रेंड किया जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #JusticeForAnkitaBhandari पूरे देश में ट्रेंड कर रहा है. देश के कई बड़े नेता और समाजिक कार्यकर्ता इस हैशटैग कैंपेन को अपना समर्थन दे रहे हैं. अंकिता भंडारी के परिवार के साथ न्याय की लड़ाई लड़ रहे पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी के बाद लोगों में इस प्रकार का रोष देखा गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खबर विस्तार से- 
अपनी बेटी अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए उनके माता- पिता और कई अन्य लोग श्रीनगर गढ़वाल में धरने पर बैठे हैं. इन सभी लोगों की मांग है कि तत्कालीन SDM और यमकेश्वर विधानसभा की MLA पर इस मामले को लेकर कार्रवाई की जाए. प्रदर्शन में आए लोगों ने पूरे श्रीनगर में प्रदर्शन किया और सरकार का पुतना फूंककर जमकर नारेबाजी की. लोगों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस प्रशासन के दबाव में बड़े आरोपियों को बचाया जा रहा है. इस प्रदर्शन में अंकिता भंडारी के माता- पिता का साथ दे रहे एक पत्रकार आशुतोष नेगी को गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी के बाद ही इस मामले में तूल पकड़ा और फिर ये यह मामला लोगों के सामने आ गया. 


इस खबर को भी पढ़ें- बीजेपी विधायक की 'गुंडागर्दी' पर सीएम धामी ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट, नगर निगम अफसरों से गालीगलौच भारी पड़ी


उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक का बयान
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि आशुतोष नेगी के द्वारा अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जनता के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश की जा रही थी. उन्होंने आगे कहा कि आशुतोष नेगी के पास कोई सबूत नहीं है वो बिना सूबत के उत्पात मचा रहा था. इस मामले में उसकी संलिप्तता की भी जांच की जा रही है. डीजीपी ने आश्वासन दिया कि उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड पुलिस को इस हत्याकांड की निष्पक्ष और निडर होकर जांच करने की छूट दी है. अंकिता भंडारी को न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध है और जब तक न्याय नहीं मिल जाएगा तब तक हम पूरा प्रयास करेंगे.