आदि कैलाश जाने वाले पर्यटकों को तगड़ा झटका, इनर लाइन परमिट को लेकर धामी सरकार का बड़ा फैसला
Adi Kailash : कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से छोटा कैलाश कहे जाने वाले आदि कैलाश और ओम पर्वत को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आ रहे हैं. लगभग 5900 मीटर की ऊंचाई में होने की वजह से यहां हमेशा बर्फबारी होती रहती है.
Adi Kailash : आदि कैलाश और ओम पर्वत को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए इनर लाइन परमिट की सीमा 15 दिन से घटाकर 4 दिन कर दी गई. बताया गया कि दो मई से अब तक करीब साढ़ चार हजार से ज्यादा इनर लाइन परमिट जारी किए जा चुके हैं.
धामी सरकार का फैसला
उत्तराखंड की धामी सरकार की मानस खंड यात्रा 2024 में सरकार द्वारा आदि कैलाश यात्रा पर काफी फोकस किया जा रहा है. कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से छोटा कैलाश कहे जाने वाले आदि कैलाश और ओम पर्वत को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आ रहे हैं. लगभग 5900 मीटर की ऊंचाई में होने की वजह से यहां हमेशा बर्फबारी होती रहती है.
इनर लाइन परमिट क्यों जरूरी
पर्यटकों में ये स्थान शिव धाम के नाम से भी काफी फेमस है. यहां जाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से इनर लाइन परमिट जारी किया जाता है. साथ ही चीनी सीमा से लगे होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से यहां इनर लाइन परमिट जारी किया जाता है. इसको लेने के बाद ही कोई पर्यटक आदि कैलाश या ओम पर्वत तक जा सकता है.
यहां से जारी होता है परमिट
यह परमिट धारचूला से जारी किया जाता है. इस परमिट की जरूरत छियालेख से आगे जाने वाले यात्रियों को पड़ती है और छियालेख पार करने के बाद ही जोलिकोंग या नाभि ढांग पहुंचा जाता है. जहां से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन होते हैं. पहले यह परमिट 15 दिनों के लिए दिया जाता था. पर्यटक 15 दिन तक इन गुंजी, जोलिकोंग, नाभिडांग नपलचू में रहकर घूम सकते थे.
सिर्फ चार दिन ही घूम सकेंगे
यहां स्थानीय लोगों ने विंटेज होम स्टे बना रखा है, जहां 15 दिनों तक रुककर पर्यटक भोले की नगरी में अध्यात्म का लुत्फ उठा सकते थे. लेकिन इस बार आदि कैलाश और ओम पर्वत घूमने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंच रही है. इसको देखते हुए इनर लाइन परमिट की सीमा घटाकर 4 दिन कर दिया गया है. यानी अब पर्यटक सिर्फ चार दिन ही रुक सकेंगे.
कलेक्टर ने बताई वजह
पिथौरागढ़ जिला अधिकारी रीना जोशी का कहना है कि वहां रहने और खाने की सीमित व्यवस्था है. 15 दिन का इनर लाइन परमिट होने से वहां पर्यटक ज्यादा समय रहते हैं और नये पर्यटकों को वहां रहने और खाने पीने में परेशानी होने लगती है. इसको देखते हुए परमिट की सीमा घटाकर चार दिन कर दी गई है.