Haldwani News: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा में आरोपियों को गिरफ्त में लेने की योजना पर काम तेजी से किया जा रहा है. कोर्ट के द्वारा हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के खिलाफ कुर्की के आदेश जारी कर दिए गए हैं. कोर्ट से संपत्ति कुर्की का आदेश मिलने के बाद पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद की नामी और बेनामी संपत्ति के चिह्नीकरण व आकलन का काम शुरू कर दिया है. दोनों की नामी व बेनामी संपत्ति की तलाश उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में की जाएगी. 


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9 आरोपियों पर शिकंजा
हल्द्वानी सिविल कोर्ट ने हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद सहित 9 आरोपियों की संपत्ति कुर्की करने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, मलिक व उसके बेटे की करोड़ों की संपत्ति होने की आशंका है. नैनीताल पुलिस और प्रशासन की ओर से आदेश के अनुपालन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. नैनीताल पुलिस का कहना है कि आज से इस मामले में आरोपियों की संपत्ति को चिन्हित किया जा चुका है. इसके साथ ही पुलिस प्रशासन ने मुरादाबाद और बरेली जोन को चिह्नित उपद्रवियों के संबंध में जानकारी साझा की है. पुलिस हर आरोपी की धर- पकड़ की कार्रवाई में सहयोग का अनुरोध किया गया है. माना जा रहा है कि हल्द्वानी हिंसा के बाद यह आरोपी यूपी की सीमा में प्रवेश कर गए हैं. इसलिए, हल्द्वानी पुलिस और प्रशासन की टीम दो जोन की पुलिस से मदद मांग रही है. 


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हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक
हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक हल्द्वानी बनभूलपुरा का रहने वाला है. इसके अलावा उप्र से वह लंबे समय से कारोबार के लिहाज से जुड़ा है. 2004 में बसपा से मलिक ने हरियाणा की फरीदाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. इसके आधार पर उसकी तीन राज्यों में काफी संपत्ति होने की बात कही जा रही है. हल्द्वानी में भी जेसीबी की एजेंसी और बड़े स्तर पर प्लॉटिंग आदि काम वह करता रहा है.


सूत्रों की मानें तो मलिक के पास नामी से ज्यादा बेनामी संपत्ति है. नैनीताल पुलिस ने बाप-बेटे की संपत्ति चिह्नीकरण और कीमत आकलन के लिए टीमें लगा दी हैं. सभी कार्रवाई पूरी कर टीमें इनपुट के आधार पर दूसरे राज्यों में भी पहुंचेगी. इसके साथ ही पुलिस मलिक के करीबियों, रिश्तेदारों और परिचितों की भी जांच करेगी, ताकि उसकी बेनामी संपत्ति का पता चल सके. वहीं फरार चल रहे बाकी के 8 नामजदों की भी संपत्ति जल्द चिह्नित कर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा.