नैनिताल: हल्द्वानी हिंसा के मामले में फिलहाल उत्तराखंड सरकार व पुलिस एक्शन में दिखाई पड़ रही है. दरअसल, पिछले 24 घंटे के भीतर ही 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा उपद्रवियों ने जो गोले बारूद को लूटे थे उन्हें भी जब्त किया गया. हालांकि, ये अब तक साफ नहीं हो सका है कि मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी हुई है या नहीं. लेकिन पुलिस की नजर उसकी हर एक गतिविधि पर है ये जरूर कहा जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही मुख्य आरपी को अरेस्ट किया जाएगा. 


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जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
दूसरी ओर हल्द्वानी बनभूलपुरा आगजनी और पथराव के मामले में डीएम नैनीताल ने बनभूलपुरा क्षेत्र के 120 शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है. वहीं, हिंसा मामले की गंभीरता, संवेदनशीलता को देखते हुए कड़ा एक्शन भी लिया जा रहा है. अन्य शस्त्र लाइसेंस की भी इस दौरान जांच जारी है. हल्द्वानी हिंसा में अवैध रूप से खड़े मदरसे को लेकर बड़े स्तर पर अशांति फैली और जब बुलडोजर लेकर प्रशासन पहुंचा तो विशेष समुदाय के लोगों ने उन पर पथराव करना शुरू कर दिया. गाड़ियों को आग के हवाले किया और पुलिसकर्मी व थाने पर हमले किए. इस दौरान मौतें भी हुईं. 100 से ज्यादा लोग इस दौरान घायल हो गए. पुलिस कर्मी भी घायल हुए. हालांकि फिलहाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अशांति के हर एक जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल, प्रदेश में अभी भी कई जिलों में कर्फ्यू है और इंटरनेट सस्पेंड किया गया है. 


मीडियाकर्मियों की गाड़ियां जलाई गई
हल्द्वानी हिंसा पर डीएम वंदना सिंह ने बताया था कि 3 दिन में अतिक्रमण हटाने के आदेश थे. लेकिन उपद्रवियों ने पहले से पत्थर जुटा लिए गए थे. पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई. मीडियाकर्मियों की गाड़ियां जलाई गई. बनभूलपुरा में अवैध ध्वस्तीकरण अभियान के खिलाफ उपद्रवियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने बच्चों और महिलाओं को आगेकर रखा था. गलियों में पुलिसकर्मी और नगर निगम कर्मियों को घेर लिया था. गोलियों की तरह दनादन पत्थर बरस रहे थे और कई नगरनिगम कर्मी पुलिसवालों की टांगों के बीच से निकलकर बाहर भागे.


400 पुलिसकर्मी समेत प्रशासनिक अमला
हल्द्वानी मामले में नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने बताया कि बनभूलपुरा में पथराव और आगजनी को लेकर पूरी तैयारी उपद्रवियों ने कर रखी थी. उनका इरादा सिर्फ हिंसा करने का था. SSP प्रहलाद मीणा ने भी बताया कि वहां इलाके में करीब 400 पुलिसकर्मी समेत प्रशासनिक अमला था, लेकिन उपद्रवियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर माहौल बिगाड़ा.