हल्द्वानी हिंसा में पार्षद समेत पांच गिरफ्तार, जानें कौन है मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक?
Haldwani Violence: दो दिन पहले हल्द्वानी में मलिक का बगीचा नाम की सरकारी जमीन पर बने अवैध मस्जिद को गिराने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था. जांच में सामने आया है कि अब्दुल मलिक नाम के कहने पर आगजनी और पथराव किया गया. अब अब्दुल मलिक को लेकर कई राज खुल गए हैं.
Haldwani Violence: हल्द्वानी हिंसा पर उत्तराखंड पुलिस का एक्शन जारी है. शनिवार को उत्तराखंड पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में पार्षद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें महबूब आलम पुत्र अब्दुल रउफ, जिशान परवेज पुत्र जलील अहमद, अरशद पुत्र अमीर अहमद, जावेद सिद्दकी पुत्र अब्दुल मोइन और अस्लम उर्फ अस्लम चौधरी पुत्र इब्राहिम शामिल हैं. हिंसा का मास्टमाइंड अब्दुल मलिक अभी भी फरार है. मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक से जुड़े कई राज खुल गए हैं.
अब्दुल मलिक से जुड़े कई राज खुले
दरअसल, दो दिन पहले हल्द्वानी में मलिक का बगीचा नाम की सरकारी जमीन पर बने अवैध मस्जिद को गिराने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया था. जांच में सामने आया है कि अब्दुल मलिक नाम के कहने पर आगजनी और पथराव किया गया. अब अब्दुल मलिक को लेकर कई राज खुल गए हैं.
50 रुपये के स्टांप में जमीन बेचने का खेल
खुलासा हुआ है कि हल्द्वानी के बनभूलनपुरा इलाके में मौजूद मालिक का बगीचा नाम से जाने जानी वाली कई एकड़ में फैली सरकारी जमीन जहां पर अवैध मस्जिद और मदरसे बने हुए थे, उसी करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक सिर्फ 50 रुपये के स्टांप पर बेच रहा था. यह एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों को जमीन बेची गई.
6 साल में बस गया पूरा शहर
साल 2014 तक मलिक का बगीचा में कुछ भी नहीं था. इसके बाद साल 2017 से लेकर 2023 तक अब्दुल मलिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर 50 रुपये के स्टांप में कई लोगों को जमीन बेच दी. 2017 के बाद से यहां मस्जिद मदरसा और अन्य मकान भी बना लिए गए. इसके बाद से घरों का बनना और प्लॉटिंग का सिलसिला जारी रहा. 2023 तक यहां सरकारी जमीन पर अवैध बसावट की शक्ल ले ली.
हिंसा के पीछे मजहबी चाल
हल्द्वानी नगर निगम के नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि अवैध रूप से सरकारी संपत्तियों को बेचने का खेल सारा सिंडीकेट की तरह अब्दुल मलिक चला रहा था. 8 फरवरी को हुई हिंसा के पीछे भी सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त करने वाले सिंडीकेट का ही हाथ था. उन्होंने बताया कि मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक ने लोगों को मजहब का नाम लेकर हिंसा इसीलिए करवाई ताकि उसका सरकारी जमीन को बेचने का खेल चलता रहे.
अब तक तीन FIR दर्ज की गई
वहीं, एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि अब तक तीन FIR दर्ज की गई है और 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. अब्दुल मलिक की तलाश जारी है.