Haldwani Violence Update: हल्द्वानी में हुई हिंसा कोई अचानक भड़का बवाल नहीं था, बल्कि इसकी पूरी तरह साजिश रची गई थी. नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर इस साजिश का पूरा खुलासा किया. डीएम ने बताया कि उपद्रवियों ने छतों से पत्थर जमा कर रखे थे.  भारी पथराव के अलावा बाइकों को तोड़कर उनका तेल निकालकर पेट्रोल बमों का इस्तेमाल किया गया. हथियारों से फायरिंग करके भी पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया. जबकि पुलिस या प्रशासन ने कोई उकसावे की कार्रवाई नहीं की. लेकिन जब हालात नियंत्रण से बाहर जाने लगे तो आत्मरक्षा में पुलिस फायरिंग करनी पड़ी. करीब एक दर्जन वाहन फूंक दिए गए. पुलिस थाने को भारी नुकसान पहुंचा है. पुलिस प्रशासन को तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश था.

 

डीएम वंदना सिंह ने कहा, उन्होंने कथित मदरसे या नमाज स्थल को बचाने की कोई कोशिश नहीं की. उन्हें अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस का जवाब देने का पर्याप्त समय दिया गया था.  हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को हुए अतिक्रमण हटाने के बाद के बवाल के बाद अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि अभी दो की पुष्टि हुई है. 

 

पथराव में करीब दो दर्जन पुलिसकर्मी के घायल हुए हैं, जबकि कुल घायलों की तादाद 250 तक है. आरोप है कि नगर निगम की जेसीबी भी उपद्रवियों ने तोड़ डाली. नगर निगम व स्‍थानीय पुलिस की कई गाड़ियां जला दी गईं. मामले को लेकर नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमें उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई.  प्रशासन के द्वाराशहर में कर्फ्यू लगा दिया है. डीएम वंदना सिंह ने खुलासा किया कि भीड़ ने थाने का घेराव किया और थाने पर असलहे से फायरिंग की गई.
 

आसपास की छतों से पथराव

वंदना सिंह ने बड़ा पर्दाफाश किया है और कहा कि पुलिस पर आसपास की छतों से पथराव किया गया व पेट्रोल बम से गाड़ियों में आग लगाई गई. जब नोटिस दिया गया था तब पत्‍थर कहीं नहीं थे. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी से दंगाइयों की पहचान की जा रही है. पुलिस थाने के भीतर पुलिसवालों को जिंदा जलाने तक की कोशिश की गई. पुलिसवालों को थाने के अंदर से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया. थाने के रिकॉर्ड रूम को भी जलाने की कोशिश की गई ताकि सारे रिकॉर्ड जला दिए जाएं.

 

वंदना सिंह ने कहा कि अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई तीन दिन पहले से की जा रही थी. टारगेट एक ही संपत्ति को नहीं किया गया बल्कि सभी जगहों पर अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही थी. उन्होंने जानकारी दी कि अवैध मस्जिद व मजार का विधिक दस्तावेजों में किसी भी तरह का अस्तित्व नहीं है. नगर निगम की यह जमीन है और पहले ही उन्‍हें नोटिस दिया गया था. बकायदा यह 2007 का ऑर्डर था. सभी कानूनी प्रक्रिया का हमारी ओर से पालन किया गया. स्ट्रक्चर अवैध था. मलिक बगीचे वालों को हाईकोर्ट ने भी राहत नहीं दी.

 

गली में भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हुई

हल्द्वारी की डीएम वंदना सिंह ने बताया कि आखिर उपद्रवियों ने कैसे हिंसक तांडव मचाया. उन्होंने आगे कहा कि "न तो पुलिस ने किसी को भड़काया, न ही किसी को मारा और न तो किसी को नुकसान पहुंचाया. पहली बार उस गली में भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हुई. पहली बार यहां गाड़ियों में आग लगाने जैसी घटना शुरू हुई. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुए 45 मिनट हुए कि इसके बाद हिंसा होने लगी.

 

आगजनी रोकने की कोशिश 

डीएम ने बताया कि दंगाई पहले ही पूरी तरह से तैयार थे, दंगाइयों के पास पेट्रोल बम थे, इससे पुलिस स्टेशन व पुलिस स्टेशन के भीतर फंसे पुलिसकर्मियों पर हमले किए गए. आंसू गैस और पानी की बौछार पुलिस स्टेशन को बचाने के लिए की गई. उन्होंने बताया कि "हमने आंसू गैस, पानी की बौछार केवल इस कारण किया कि पुलिस स्टेशन बचा सकें.

 

पुलिस स्टेशन को बचाना व आगजनी को रोकना सुरक्षा एजेंसियों की कोशिश थी. डीएम वंदना सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान ये तक दावा किया है कि ऐसा लगता है जैसे पहले से हल्द्वानी हिंसा की योजना बनाई गई थी. उन्होंने कहा, हल्द्वानी हिंसा "पूर्व नियोजित" लगती है. पत्थरों को घरों में  पहले ही जमा किए गए थे. पेट्रोल बमों का भी दंगाइयों ने इस्तेमाल किया. वैसे इस पर जांच चल रही है.