Weather Updtaes: देवभूमि उत्तराखंड में लगातार हो रहीं आग लगने की घटनाओं से हजारों हेक्टेयर की वन संपदा जल कर खाक हो गई है. वहीं राजधानी देहरादून में भीषण गर्मी पड़ रही है. लेकिन, प्रदेश में भीषण गर्मी और धधकते जंगलों की आग के बीच अल्मोड़ा में झमाझम बारिश हुई है. तेज बारिश से बेकाबू हो रही जंगलों की आग पर लगाम लगने के साथ भीषण गर्मी से राहत मिली है. वन विभाग के कंट्रोल रूम के अनुसार बारिश होने से जिले में आज वनाग्नि का कोई मामला नहीं है. 


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ग्रामीणों ने ली राहत की सास
जंगलों की आग बुझने पर बिनसर क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी राहत की सास ली है. आपको बता दें कि बिनसर क्षेत्र में बीते 13 जून को वनाग्नि की घटना में पांच वन कर्मियों की मौत हो गयी थी. घटना के दौरान चार लोगों की मौके पर ही मौत हुई थी. जबकि बीते रोज दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान एक वन कर्मी की मौत हुए थी.  दिल्ली एम्स में वन कर्मी की मौत के साथ अल्मोड़ा जिले में इस सीजन में वनाग्नि से मरने वालों की संख्या 10 पहुंच गयी है.


फिर कटेंगे सैकड़ों पेड़
इस भीषण गर्मी से ग्रस्त राजधानी देहरादून में जहां लोगों का हाल बेहाल है. वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर पेड़ काटने का मामला एक बार फिर से राजधानी देहरादून में सुर्खियों में आ गया है. दिला राम चौक से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक फोर लेन सड़क के निर्माण को लेकर कई सौ पेड़ काटने को लेकर क्षेत्रीय जनता के साथ सामाजिक संस्थाएं भी इसके विरोध में सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं.


पहले भी हुआ था विरोध
मई महीने में भी राजधनी देहरादून के खलंगा के जंगल काटे जाने के विरोध होने के बाद सरकार को बैक फुट पर आना पड़ा था. खलंगा के जंगलों में जिस वॉटर टैंक बनाए जाने की बात कही जा रही थी. फिलहाल सरकार को अपने उस निर्णय को वापस लेना पड़ा था. लेकिन जून महीने में फिर से राजधानी देहरादून में कई सौ पेड़ काटे जाने को लेकर लोगो मे आक्रोश देखने को मिला रहा है. दरअसल, राजधानी के दिलाराम चौक से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक फोर लेन सड़क का कार्य होना प्रस्तावित है. इसको लेकर सड़क के दोनों किनारे जो भी पेड़ सड़क चौड़ीकरण में आ रहे हैं. उनको काटा जाना भी प्रस्तावित हो गया है. जो पेड़ काटे जाने हैं उन पर निशान लगाए जाने भी शुरू हो गए हैं.


पहले से तापमान 40 से 45 डिग्री
लोगों का विरोध करने के पीछे का कारण राजधानी का लगातार बदलता मौसम है. गर्मी के मौसम में एस बार यहां का तापमान 40 से 45 डिग्री तक पहुंच रहा है. लोगों ने विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को यहां का बदलता मौसम नहीं दिखाई दे रहा है. बस सरकार पेड़ काटने पर आमादा है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि सरकार को सड़क चौड़ीकरण का समाधान करना है. तो उसका फ्लाईओवर के जरिए समाधान निकाला जा सकता है. ताकि पेड़ भी ना कटें और सड़क चौड़ी भी हो जाएं.


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