विवाह के लिए बेस्ट उत्तराखंड के ये मंदिर, दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद और खूबसूरत नजारों से यादगार बनेगी शादी

Wedding Destination in Uttarakhand: उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां के हिल स्टेशनों पर घूमने आते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यहां ऐसे सुंदर मंदिर भी हैं जहां पर आप आशीर्वाद लेकर अपने साथी के साथ विवाह बंधन में बंध सकते हैं.

1/10

तिरयुगी नारायण मंदिर

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल तिरयुगी नारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है. यहां पर विष्णुजी के तिरयुगी (तीन युगों) तक तप करने की कथा खूब दोहराई जाती है. कथा है कि तीन युगों तक तप करके भगवान शिव से विष्णु जी ने आशीर्वाद प्राप्त किया था. 

2/10

पर्यटन के लिए भी अच्छी जगह

विवाह और संतान सुख की प्राप्ति का आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. मान्यता है कि तिरयुगी नारायण मंदिर में पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखी होता है और संतान की प्राप्ति होती है. यहां पर विवाह करने से साथी के साथ रिश्ता युगों तक चलता है. रुद्रप्रयाग से तिरयुगी नारायण तक पहुंचने के लिए आपको सड़क मार्ग मिल जाएगा. पर्यटन के लिए भी ये जगह बहुत अच्छी है.   

3/10

धारी देवी मंदिर

पौड़ी जनपद के श्रीनगर से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित धारी देवी मंदिर की धारी देवी को चारों धामों की रक्षक कहा गया है जहां लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ये एक सुंदर वैडिंग डेस्टिनेशन भी है.  

4/10

धारी देवी मंदिर की मान्यता

धारी देवी मंदिर की मान्यता है कि यहां विवाह करने वाले नव विवाहित के रिश्ते को धारी देवी रिश्ते को मजबूत और अखंड बनाती हैं. धारी देवी तक जो श्रद्धालु जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से होते हुए श्रीनगर जाना होगा और वहा से सड़क मार्ग से 100 मीटर की दूरी पर स्थित धारी देवी मंदिर जाना होगा.

5/10

उमा देवी मंदिर

चमोली जनपद के कर्णप्रयाग में स्थित उमा देवी मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहीं भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने तपस्या की ऐसे में शादी-विवाह के लिए मंदिर उपयुक्त माना गया है.  

6/10

राजमार्ग से होकर जाना होगा

उमा देवी मंदिर में विवाह करने से रिश्ते की आयु लंबी होती है. उमा मंदिर पहुंचने के लिए आपको बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर जाना होगा. चमोली जनपद में प्रवेश करते हुए कर्णप्रयाग शहर के बाजार में स्थित उमा देवी मंदिर जा सकते हैं.  

7/10

देवप्रयाग

उत्तराखंड के एक पवित्र स्थल देवप्रयाग में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भागीरथी और अलकनंदा नदियों का यहा संगम होता है जिससे यह स्थल अपने आप पवित्र हो जाता है और विशेष धार्मिक महत्व भी रखता है. यहां विवाह करना बहुत शुभ माना जाता है. 

8/10

आशीर्वाद और सुखमय जीवन का प्रतीक

देवप्रयाग को इसे आशीर्वाद और सुखमय जीवन का प्रतीक माना जाता है. देवप्रयाग ऋषिकेश से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां आसानी से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है. ऋषिकेश से देवप्रयाग तक आसानी से बस, टैक्सी या निजी गाड़ी से भी पर्यटक और श्रद्धालु जा सकता है.   

9/10

ओंकारेश्वर मंदिर

रुद्रप्रयाग जिले से करीब 41 किलोमीटर दूर उखीमठ स्थित है. जहां का ओंकारेश्वर मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. शीतकाल में बाबा केदारनाथ व मध्य महेश्वर की डोलियों की निवास स्थली यही ओंकारेश्वर मंदिर है. जिससे इसका धार्मिक महत्व विशेष हो जाता है.

10/10

उखीमठ

मान्यता है कि उखीमठ वही जगह है जहां पर बाणासुर की बेटी उषा व श्री कृष्ण के पोते अनिरुद्ध का विवाह कराया गया था. इस तरह यह मंदिर विवाह के लिए एक विशेष धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित हुआ.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link