हरेंद्र नेगी/रुद्रप्रयाग: विश्व के सबसे ऊंचे शिव मंदिर पंच केदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के मंदिर के गर्भ गृह के सभामंडडप की छत और दीवारों पर दरारें आ रही हैं, जिसको लेकर मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोगों ने चिन्ता जाहिर की है. साथ ही ब्रदीकेदार मंदिर समिति से इसकी जांच व ठीक करने लिए प्रस्ताव भेजा है.


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विश्व विख्यात पंच केदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जो विश्व की सबसे उंची चोटी पर विरामान शिव का एक अकेला मंदिर है. जहां वर्ष भर श्रद्धालु भगवान तुंगनाथ जी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. हालांकि शीतकाल में यह मंदिर बंद हो जाता है लेकिन श्रद्धालु तुंगनाथ एवं चंद्रशिला के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं. भगवान शिव के बाहु भाग के दर्शन श्रद्धालु इस स्थान पर करते है.


क्या बोले मंदिर समिति के अध्यक्ष
यह स्थान पर्यावरण की दृष्टिी से काफी संवेदनशील है. इस स्थान भारत सरकार पर्यावरण मंत्रालय के परिमीशन के अलावा कोई कार्य नहीं किया जाता है. इसलिए यहां पर कार्य करना बहुत ही कठिन हो जाता है. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि मंदिर समिति ने संज्ञान लिया है और जौलीकल और भूगर्भीय सर्वे के लिए कहा गया हैं. वे जल्दी ही सर्वे करने के बाद अपनी रिर्पोट मंदिर समिति और शासन को भेज देगें. जिससे जल्द से जल्द मंदिर के झुकाव व कारणों की जानकारी लेकर उसी के आधार पर कार्य किया जायेगा.


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