लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने से कोई नहीं रोक रहा, उत्तराखंड के सीएम धामी ने बताया UCC में क्या नियम?
Pushkar Singh Dhami on UCC : एक साक्षात्कार में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी में हमारे पास 18 से 21 आयु वर्ग के साथ रहने वाले लोगों के माता-पिता को सूचित करने की एक प्राणाली होगी.
Pushkar Singh Dhami on UCC : उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में लिव-इन में रहने पर कोई रोक नहीं लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार चिंतित है.
शव सूटकेस में पाए जाने वाली घटनाओं से चिंता
एक मीडिया समूह को दिए साक्षात्कार में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी में हमारे पास 18 से 21 आयु वर्ग के साथ रहने वाले लोगों के माता-पिता को सूचित करने की एक प्राणाली होगी. उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए राज्य में कोई रोक-टोक नहीं होगी. हालांकि उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता रहेगी. सीएम धामी ने कहा कि पिछले दिनों लिव-इन में रह रही लड़कियों के शव सूटकेस में पाए जाने की घटनाएं भी सामने आई थीं. ऐसी घटनाएं होने पर माता-पिता जीवन भर पछताते रह जाते हैं.
लिव-इन में रहने वालों की सुरक्षा की चिंता
ऐसे में यूसीसी के लिए नियम बनाने के लिए एक कमेटी बनाई गई है. जो अपनी रिपोर्ट में लिव-इन में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर भी ध्यान देगी. सीएम धामी ने कहा कि जल्द ही नियमों को सूचित कर दिया जाएगा. देश में आचार संहिता लागू है. आचार संहिता खत्म होने के बाद इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि हमने अपने वादे के मुताबिक राज्य में यूसीसी कानून पारित किया है. एक तरफ शरिया कानून है तो दूसरी तरफ समान पर्सनल लॉ है. बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में 7 फरवरी 2024 को समान नागरिक संहिता विधेयक पारित किया था.
यूसीसी विधेयक में क्या?
विधेयक में सभी समुदायों में विवाह के लिए न्यूनतम आयु महिलाओं के लिए 18 साल और पुरुषों के लिए 21 साल निर्धारित की गई है. साथ ही लिव-इन में रहने वालों को अनिवार्य पंजीकरण कराने का भी प्रावधान है. लिव-इन से पैदा हुए बच्चे वैध माने जाएंगे. इसके लिए महिलाएं अपने जीवन साथी से गुजारा भत्ता भी ले सकेंगी.