उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टर की रिटायरमेंट की आयु बढ़ी, धामी सरकार का बड़ा फैसला
Uttarakhand News : उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से डॉक्टरों की कमी देखी जा रही थी. पर्वतीय इलाकों में यह शिकायत ज्यादा मिल रही थी. डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नया फार्मूला तैयार किया है.
Uttarakhand News : उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अवधि 60 से बढ़ाकर 65 साल कर दी है. खासकर पर्वतीय इलाकों में डॉक्टरों की कमी देखी जा रही थी. साथ ही धामी सरकार ने संविदा डॉक्टरों को भी बड़ा तोहफा दिया है.
लंबे समय से डॉक्टरों की कमी
दरअसल, उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से डॉक्टरों की कमी देखी जा रही थी. पर्वतीय इलाकों में यह शिकायत ज्यादा मिल रही थी. डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नया फार्मूला तैयार किया है. स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों की कमी के लिए गैप स्टडी कर योजना बना रही है. साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में समीपवर्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और अन्य अस्पतालों में रोटेशन के आधार पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने का फैसला किया है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अवधि की उम्र बढ़ी
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए उनकी सेवा अवधि की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दिया है. खासकर प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी थी. पर्वतीय जिलों में डॉक्टरों की कमी के कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इसीलिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डॉक्टरों की सेवा उम्र बढ़ाने का फैसला किया गया है. बता दें कि प्रदेश में सबसे ज्यादा कमी विशेषज्ञ डॉक्टरों की है.
संविदा विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानदेय बढ़ाया
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संविदा पर विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह चार से छह लाख रुपये तक मानदेय देने को भी तैयार हैं. इसके बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि पर्वतीय जिलों में डॉक्टरों के न होने के कारण मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. अब इस समस्या के लिए प्रदेश सरकार ने नया फार्मूला तैयार किया है.
नया फार्मूला तैयार किया गया
नए फॉर्मूले के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में जहां डॉक्टर नहीं हैं, ऐसे क्षेत्रों में रोटेशन पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी. इससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. वर्तमान में डॉक्टरों की आवश्यकता और कमी को लेकर गैप स्टडी कराकर योजना बनाने पर काम किया जा रहा है. डॉक्टरों के ठहरने के लिए आवासों की व्यवस्था कराई जाएगी.
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