Uttrakhand news: सिलक्यारा (उत्तरकाशी) की निर्माणाधीन टनल में एक मजदूर ऐसा भी था जिसे नहीं पता था कि उसके दिल में जन्मजात छेद है. 24 साल का यह श्रमिक उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले का रहने वाला है और उसका नाम पुष्कर सिंह है. श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के दौरान ऋषिकेश एम्स के डॉक्टरों को यह बात पता लगी कि पुष्कर के दिल में छेद है और समय रहते यदि उसका आप्रेशन न किया गया तो आगे चलकर उसके जीवन को खतरा हो सकता है. ऐसे में एम्स के डॉक्टरों ने पुष्कर की ओपन हार्ट सर्जरी करने का निर्णय लिया और हाल ही में 28 दिसम्बर को इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया.


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पुष्कर अब स्वस्थ है और आज उसे एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इस बारे में जानकारी देते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि पुष्कर के स्वास्थ्य जांच में यह पता चला था कि उसके दिल में छेद जन्म के समय से ही है लेकिन अभी तक वह इस बीमारी से अनभिज्ञ था. सर्जरी करने वाले सीटीवीएस विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अंशुमान दरबारी ने बताया कि हांलाकि अभी पुष्कर को कोई समस्या नहीं है. लेकिन भविष्य में यह दिक्कत उसके लिए खतरे का सबब बन सकती थी, और उसे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्या पैदा हो सकती थी. उन्होंने बताया कि पुष्कर का सम्पूर्ण इलाज राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क किया गया है. पहली दिसम्बर को जब सभी श्रमिकों को एम्स से डिस्चार्ज किया गया था, उस समय पुष्कर मानसिक तौर से सर्जरी के लिए तैयार नहीं था. इसलिए उसे सर्जरी के लिए दोबारा एम्स बुलाया गया. 


उन्होंने कहा कि पुष्कर की ओपन हार्ट सर्जरी की गयी है और रिकवर होने में उसे मात्र 7 दिन का समय लगा है. यह सर्जरी पिछले सप्ताह ही 28 दिसम्बर को की गयी. गैरतलब है कि नवम्बर माह में उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे कुल 41 श्रमिकों में चम्पावत जिले का पुष्कर सिंह भी शामिल था. 29 नवम्बर को सभी श्रमिकों को रेस्क्यू कर जब हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश लाया गया तो अन्य श्रमिकों की भांति ही पुष्कर के स्वास्थ्य की भी चिकित्सकों द्वारा सघन जांच की गयी थी. स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान इको कार्डियोग्राफी करते समय मौके पर मौजूद कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सक डॉ. वरूण कुमार को पता लगा कि पुष्कर के दिल में छेद है.
  
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