Strong Earthquake: शुक्रवार को दिल्‍ली-एनसीआर समेत कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के ये झटके काफी देर तक महसूस किए गए. इस दौरान लोग घरों से बाहर निकल गए. फिलहाल अभी तक हानि या क्षति की कोई रिपोर्ट नहीं आई है,  लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार भूकंप क्यों आ रहे हैं. 


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क्‍यों आते हैं भूकंप?
जानकारों की मानें तो भूकंप आने का जो सबसे प्रमुख कारण है वह यह है कि जब टैक्टोनिक प्लेट्स की स्थिति में परिवर्तन होता है. धरती में 12 टैक्टोनिक प्लेट्स होती हैं. इन प्लेट्स  के आपस में टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे ही भूकंप कहा जाता है. 


प्‍लेट्स घूमती है 
ये प्लेट्स बहुत धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं और हर साल अपनी जगह से 4 से 5 मिमी तक खिसक जाती हैं. ऐसे में कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी प्रक्रिया के दौरान प्लेट्स के टकराने से भूकंप आता है. 


भारत भी बनता जा रहा केंद्र 
पिछले कुछ दशकों से भारत भी भूकंप का केंद्र बनता जा रहा है. भूकंप का खतरा देश में हर जगह अलग-अलग है और इसी खतरे के हिसाब से देश को कई जोन में बांटा गया है. जैसे जोन- 1, जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5. जोन-2 यानी सबसे कम खतरा और जोन-5 यानी सबसे ज्‍यादा खतरा है. भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक इलाका जोन- 5 है.


भारत का जोन-5 सबसे ज्यादा खतरनाक
जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है. इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है.


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