देवरिया : उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक बालिका गृह में लड़कियों की ओर से लगाए गए गंभीर आरोपों को योगी सरकार ने गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अपने संबंधित जिलों में स्थित बाल गृह और महिला संरक्षण गृह के व्यापक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.


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लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यहां पर रह रहे बच्चों और महिलाओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. साथ ही उन्होंने इन गृहों के पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल गृह तथा महिला संरक्षण गृह की देखभाल और साफ-सफाई में कोई कोताही न बरती जाए. साथ ही, यहां पर रह रहे बच्चों एवं महिलाओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


शाम चार बजे तक मांगी पूरी रिपोर्ट
इसके अलावा देवरिया मामले पर यूपी सरकार की महिला और बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने प्रमुख सचिव महिला और बाल कल्याण से रिपोर्ट मांगी है. उन्‍होंने सोमवार शाम चार बजे तक पूरे मामले की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि देवरिया के पूरे मामले पर जांच की जा रही है. बालिका गृह में देह व्यापार होता था या नहीं ये रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि बालिका गृह अवैध रूप से चल रहा था.


 



यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर के अनुसार मामले की जांच की जा रही है. संबंधित जिले का प्रशासन मामले पर जरूरी कार्रवाई कर रहा है. महिला एवं बाल कल्‍याण मंत्रालय भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है. वहां से जितनी भी लड़कियों को छुड़वाया गया है, उन्हें मेडिकल के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद सच्‍चाई सामने आएगी.


 



भागी लड़की ने किया खुलासा
बता दें कि देवरिया के निजी बालिका गृह में रह रही लड़कियों ने भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. एक लड़की की शिकायत पर पुलिस ने रविवार रात छापा मारकर बालिका गृह से 24 बच्चियों और लड़कियों को छुड़ाया है. जबकि बालिका गृह से 18 लड़कियां अभी भी गायब हैं. मामले में पुलिस ने बालिका गृह के संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन तिवारी और बेटी को गिरफ्तार किया है.


सुनाई आपबीती
बालिका गृह से भागी अंजलि ने बताया कि प्रियंका दीदी बाहर जाती थीं, बड़ी मम्मी ले जाती थीं, जाने से मना करती हैं तो नकाब बांधकर ले जाया जाता है, सफेद कार आती है. एक बार काली कार आई थी, एक बार लाल आई थी, सुबह आती थी तो रोती थी उनकी आंख फूल जाती थी. कुछ नहीं बताती थी. हम वहां झाड़ू पोछा बर्तन करते थे बहुत दिन से.


अवैध था बालिका गृह
मां विंध्यवासिनी नाम का बालिका गृह कई साल से शहर के रेलवे स्टेशन रोड से चल रहा था. इसकी एक शाखा शहर के रजला गांव में भी चल रही थी. इस संस्था की मान्यता एक साल पहले 2017 में स्थगित हो चुकी थी. उस समय सीबीआई ने इसकी जांच की थी. लेकिन गिरजा त्रिपाठी अपने ऊंची रसूख के चलते अवैध तरीके से लड़कियों को रख रही थी. इसके बावजूद कोई अधिकारी इन पर हाथ डालने से कतराता था. रविवार को जब एक लड़की संस्था से भागकर पुलिस के पास पहुंची तो एसपी रोहन पी कनय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामला का खुलासा किया.