लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी को लेकर विपक्ष को एकजुट करने के सपा के प्रयासों पर पलटवार करते हुए सोमवार (08 जनवरी) को कहा कि ऐसा करके जनता के अभिमत का अपमान करने वालों को वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में शिकस्त का डर सता रहा है. प्रदेश के उच्च तथा माध्यमिक शिक्षा विभागों की भी जिम्मेदारी संभाल रहे शर्मा ने इन महकमों में किये गये कार्यों का ब्यौरा रखने के दौरान ईवीएम को लेकर विपक्षी एकजुटता बनाने की सपा की कोशिशों पर भी जमकर प्रहार किए


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विपक्ष जनता की कृपा को ईवीएम की खराबी बता रहा है : शर्मा
उन्होंने कहा कि कई चीजों में बड़ी बेहतरी से आगे बढ़ रहे हैं. आगे आना निश्चित रूप से ईर्ष्या का प्रतीक बनता है. विपक्ष जनता की कृपा को ईवीएम की खराबी बता रहा है. अपनी खराबी, अपनी कार्यशैली, अपने लोगों, अपनी नीतियों, अपने दलों और विचारों की खराबी को ईवीएम की खराबी में परिवर्तित करने की कोशिश हो रही है. शर्मा ने कहा कि जब 15 साल में दूसरी सरकारें बनीं तब तक ईवीएम ठीक थीं. अब वे खराब होना शुरू हो गयीं. जनता का इससे ज्यादा अपमान और क्या हो सकता है कि ईवीएम पर सवाल उठाकर उसके अभिमत को नकारते हुए चुनौती दी जा रही है. यह लोकतंत्र का उपहास है.


कुछ लोगों को 2019 में लोकसभा चुनाव हारने का डर : शर्मा
उन्होंने कहा ‘‘कुछ लोग सरकार द्वारा किये जा रहे हर काम पर व्यंग्य करके गलत तस्वीर इसलिये पेश करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव का भय है. मुझे पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमर अब्दुल्ला का वह बयान याद आता है, जिसमें उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा था कि वह वर्ष 2019 नहीं बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करे. 2019 मोदी के कार्यों पर चुनाव होगा.’’ 


अखिलेश यादव बोले - मैं नोएडा वाले 'मिथक' पर यकीन करता हूं, पीएम मोदी और योगी को कीमत चुकानी होगी


ज्ञातव्य है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भविष्य के सभी चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों से कराने की मांग पर बल देने के लिये विपक्षी दलों की बैठक बुलायी थी. मगर उसके प्रयासों को झटका लगा था, जब बसपा और कांग्रेस के प्रतिनिधि उसमें शामिल नहीं हुए थे. शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नोएडा जाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकारें वहम से नहीं चला करतीं. भाजपा टोने-टोटके में विश्वास नहीं करती. योगी बार-बार नोएडा जाएंगे.


मालूम हो कि अखिलेश ने रविवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी पिछले दिनों नोएडा गए थे. अब इसका असर जरूर होगा. नोएडा के बारे में माना जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री वहां गया, उसे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. शर्मा ने पिछले दिनों विधानभवन के सामने आलू फेंके जाने की घटना को शरारत करार देते हुए दावा किया कि उनकी सरकार ने किसानों की चिंता की है और राज्य में किसी भी किसान के आत्महत्या करने की कोई सूचना सरकार के पास नहीं है.