मो. गुफरान/प्रयागराज: जौनपुर के बाहुबली व पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह को अपहरण और धमकाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. 10 मई से जौनपुर जेल में बंद धनंजय सिंह पर एसटीपी प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल को किडनैप करने और धमकी देने के आरोप हैं. इससे पहले 23 जुलाई को लोअर कोर्ट ने पूर्व सांसद की जमानत खारिज कर दी थी. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी.


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गुरुवार को जस्टिस रमेश तिवारी की बेंच ने धनंजय सिंह को राहत देते हुए जमानत दे दी है. दरअसल, जौनपुर में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद और संतोष विक्रम सिंह पर संगीन आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में आरोपी संतोष विक्रम सिंह को 23 जुलाई को ही जौनपुर के एडीजे प्रथम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.


क्या है पूरा मामला
10 मई को लाइन बाजार थाने में जौनपुर में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ अपहरण, हत्या की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था. प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का आरोप था कि धनजंय सिंह प्रोजेक्ट साइट पर उनके गुर्गे को गिट्टी और बालू आपूर्ति का काम देने का दवाब बना रहे थे, जिसका विरोध करने पर धमकी दी गई थी. किडनैप कर धनंजय सिंह के घर भी ले जाया गया, जहां आरोप है कि धनंजय सिंह ने पिस्टल दिखाकर धमाकाया. अपनी शिकायत में उन्होंने धनंजय पर रंगदारी मांगने, अपहरण और हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया था. 


बता दें कि अभिनव सिंघल जिस कंपनी में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर तैनात हैं, उस कंपनी के पास जौनपुर में 300 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाने का टेंडर भी है. उन्होंने धनंजय सिंह के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी.


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