वेस्ट यूपी में बनेगा सबसे छोटा एक्सप्रेसवे, न्यू नोएडा की ये सड़क सीधे फ्लाइट का कराएगी सफर
उत्तर प्रदेश को गंगा एक्सप्रेस-वे से लेकर गोरखपुर-सिलीगुड़ी तक कई बड़े एक्सप्रेस-वे की सौगात मिल चुकी है. यूपी में अब जल्द सबसे छोटा एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी है. जानिए इससे किन जिलों को कनेक्टिविटी मिलेगी और सफर आसान होगा.
कहां से बनेगा?
इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण जेवर एयरपोर्ट से न्यू नोएडा के बीच किया जाएगा. इसका मकसद है कि दोनों की कनेक्टिविटी को बेहतर करना है. साथ ही आसपास के जिलों को भी इसका फायदा मिलेगा. एक्सप्रेस-वे 4 लेन या 6 लेन का हो सकता है.
जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ
दादरी, नोएडा, गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (DNGIR) के मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण का रास्ता भी जल्द साफ हो सकता है.
कितनी लंबाई
जेवर एयरपोर्ट से न्यू नोएडा के बीच बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 16 किलोमीटर होगी. इससे बुलंदशहर से लेकर कई जिलों से जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
रेलवे लाइन जोड़ने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरपोर्ट को रुंधी से चोला तक रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने की प्लानिंग है. इसका डीपीआर मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया है.
मास्टर प्लान तैयार
दादरी और बुलंदशहर के 80 गांवों की जमीन पर दादरी, नोएडा, गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (DNGIR) बसाया जाना है. इसके मास्टर प्लान को सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है.
209 वर्ग किलोमीटर में बसेगा नया शहर
नए नोएडा को 209.11 वर्ग किलोमीटर यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा. दादरी, नोएडा, गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (DNGIR) के मास्टर प्लान को चार चरणों में पूरा किया जाएगा.
6 लाख होगी आबादी
नए नोएडा में बुलंदशहर के 60, गौतमबुद्धनगर के 20 गांव शामिल हैं. इस शहर की आबादी करीब 6 लाख होगी. 2041 तक यहां बसने वाली आबादी की संख्या और बढ़ने की संभावना है.
चार चरणों में पूरा होगा काम
मास्टर प्लान को चार चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में 2023 से 2027 के बीच 3165 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाएगा. 2027-32 तक 3798 हेक्टेयर, 2032-37 तक 5908 हेक्टयर और 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित किए जाने की तैयारी है.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.