Ghaziabad Name Change News: गाजियाबाद का नाम बदलने की चर्चाएं फिर शुरू हो गई हैं. खबरों की मानें तो गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ किया जा सकता है. प्रशासनिक अधिकारियों ने नए नाम पर सहमति बना ली है. जल्द ही इसका प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा. इसके बाद गेंद शासन के पाले में होगी कि वह नए नाम को मंजूरी देता है या नहीं.


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नगर निगम पास कर चुका प्रस्ताव
बता दें कि इससे पहले नगर निगम बोर्ड की ओर से गाजियाबाद के नए नाम को लेकर प्रस्ताव पास किया जा चुका है. बोर्ड ने तीन नाम सुझाए थे, जो गजप्रस्थ, दूधेश्वरनगर और हरनंदीपुरम थे. इनमें से प्रशासन ने गजप्रस्थ नाम को चुना है.  हालांकि नाम बदलने की प्रक्रिया लंबी है. शासन को नए नाम का प्रस्ताव भेजे जाने से पहले इसको लेकर चीजों की प्रामाणिकता की जांच की जाएगी. इनके सही होने पर ही नाम बदलने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.


गजप्रस्थ नाम के पीछे क्या तर्क?
कहा जाता है कि द्वापर युग में इस जगह का नाम गजप्रस्थ था. दिल्ली उस समय इंद्रप्रस्थ होती थी. इसके पास वाली जगह में हाथी रखे जाते थे. इसी वजह से इसका नाम गजप्रस्थ पड़ा. जिसे आज गाजियाबाद के नाम से जाना जाता है. इससे जोड़ते हुए लोग गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ करने की मांग करते रहे हैं.


इन दो नामों की भी चर्चा
वहीं गाजियाबाद का नाम हरनंदी नगर करने के पीछे  कहा जाता है कि हरनंदी हिंडन नदी का दूसरा नाम है और गाजियाबाद हिंडन नदी के किनारे ही बसा है. वहीं गाजियाबाद में दूधेश्वर पीठ भी है. पौराणिक महत्व के चलते इसका नाम बदलकर दूधेश्वर नगर किए जाने की मांग की जाती रही है. 


गाजियाबाद नाम कैसे पड़ा?
मुगलकाल में इस जगह का नाम गाजीउद्दीन के नाम पर गाजियाबाद रखा गया. 1740 में यहां चार गेट बनवाए गए, जिसके बीच शहर के लोग रहा करते थे. अंग्रेजों ने रेलवे लाइन शुरू होने के बाद इसका नाम छोटा कर गाजियाबाद कर दिया था.


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