Gorakhpur News: गोरखपुर जल्द ही देश के प्रमुख शहरों के साथ अपनी हवाई कनेक्टिविटी को और सशक्त करेगा, क्योंकि यहां भारतीय वायुसेना के एयरपोर्ट से संचालित होने वाली उड़ानें अगले एक से डेढ़ साल के भीतर नए सिविल एयरपोर्ट से शुरू हो जाएंगी. वर्तमान में यह एयरपोर्ट रक्षा मंत्रालय की भूमि पर संचालित हो रहा है, लेकिन 42 एकड़ से अधिक भूमि अब उत्तर प्रदेश सरकार को एयरपोर्ट निर्माण के लिए दी जाएगी. 


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1172 करोड़ की लागत का वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट
इस परियोजना पर लगभग 1172 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. भारतीय विमान प्राधिकरण (AAI) ने इस नए एयरपोर्ट की डिजाइन को स्वीकृति दे दी है, और अब राज्य सरकार और AAI के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन होने की प्रक्रिया चल रही है. यह उम्मीद की जा रही है कि 2024 के अंत तक या 2025 के शुरुआती महीनों में इसका शिलान्यास हो सकता है. इस एयरपोर्ट से हर साल 5.3 मिलियन यात्रियों की आवाजाही का अनुमान लगाया जा रहा है, और इसे इसी क्षमता के अनुसार तैयार किया जाएगा. 


नए एयरपोर्ट में क्या-क्या खास
गोरखपुर एयरपोर्ट के निदेशक रजनीश कुमार पाराशर ने बताया कि नए एयरपोर्ट में प्रति घंटे 2,500 यात्रियों के आवागमन की क्षमता होगी. एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग 50,000 वर्ग मीटर में बनेगी और यहां एक साथ 9 विमान खड़े हो सकेंगे. इसके अलावा, 1,200 कारों की पार्किंग की सुविधा भी दी जाएगी. 


फिलहाल, गोरखपुर एयरपोर्ट से 7 उड़ानें संचालित हो रही हैं, जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, और कोलकाता शामिल हैं. आने वाले दिनों में मुंबई के लिए अकासा एयरलाइन द्वारा एक अतिरिक्त उड़ान शुरू करने की योजना पर विचार किया जा रहा है. सिविल एयरपोर्ट के निर्माण के बाद, गोरखपुर से नेपाल के लिए भी उड़ानें शुरू हो सकती हैं. 


गोरखपुर बनेगा रोइंग का प्रमुख केंद्र
गोरखपुर न केवल हवाई यातायात में बल्कि खेलों के क्षेत्र में भी तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है. हाल के वर्षों में गोरखपुर ने राष्ट्रीय स्तर की दो बड़ी रोइंग प्रतियोगिताओं की मेजबानी की है, जिसके बाद अब शहर में एक स्थायी रोइंग स्पोर्ट्स सेंटर या अकादमी स्थापित करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. 


रामगढ़ताल में रोइंग सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव 
रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के सहयोग से रामगढ़ताल में एक रोइंग सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव के तहत गोरखपुर में एक स्थायी रोइंग स्पोर्ट्स सेंटर और वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में रोइंग प्रशिक्षण बैच शुरू करने की योजना है. 


सब-जूनियर नेशनल रोइंग चैंपियनशिप का सफल आयोजन 
पिछले साल खेले गए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और सब-जूनियर नेशनल रोइंग चैंपियनशिप के सफल आयोजन के बाद, रामगढ़ताल को वाटर स्पोर्ट्स के लिए आदर्श स्थल माना जा रहा है. राज्य सरकार भी इसे एक प्रमुख वाटर स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. फेडरेशन की अध्यक्ष, श्रीमती राजलक्ष्मी सिंह देव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि रामगढ़ताल का कायाकल्प हो चुका है और यहां एक वर्ल्ड क्लास वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तैयार किया जा रहा है.


गोरखपुर बनेगा रोइंग का प्रमुख केंद्र
इन योजनाओं के कार्यान्वित होने से गोरखपुर रोइंग के क्षेत्र में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा. यहां बनने वाला रोइंग स्पोर्ट्स सेंटर न केवल स्थानीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देगा, बल्कि देशभर के एथलीटों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बनेगा. 


इस तरह गोरखपुर शहर अपनी हवाई कनेक्टिविटी और खेल संरचना के साथ आने वाले समय में एक प्रमुख शहर के रूप में उभरने जा रहा है, जो यहां के नागरिकों के लिए रोजगार, खेल और सुविधाओं के नए अवसर लाएगा.