Maharajganj Devi Mandir: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के फरेंदा तहसील में स्थित, नेपाल सीमा से सटा एक पवित्र और अद्भुत स्थल है - मां लेहड़ा देवी का मंदिर. यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि भारत और नेपाल के भक्तों के लिए भी आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। खासकर नवरात्र के दौरान, यहां भक्तों का तांता लग जाता है, जो अपनी मुरादें लेकर मां के दरबार में आते हैं.


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पौराणिक कथा और मंदिर की उत्पत्ति
इस मंदिर के पीछे एक दिलचस्प कथा है, कहा जाता है कि हजारों साल पहले यहां एक नदी बहती थी. एक दिन मां दुर्गा किशोरी का रूप धारण करके नदी किनारे आईं और एक नाविक से उन्हें नदी पार कराने की विनती की. नाविक उनकी सुंदरता से प्रभावित होकर गलत इरादे से छेड़छाड़ करने लगा. मां कुपित हो गईं और उस नाविक को उसकी नाव के साथ जल समाधि दे दी. आज भी उस नदी के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं.


इतना ही नहीं, यह माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने भी इसी स्थान पर मां की अराधना की थी. जब द्रौपदी ने आंचल फैलाकर मां से आशीर्वाद मांगा, तो मां ने उन्हें विजयश्री का आशीर्वाद दिया, जिसके बाद महाभारत में पांडवों की जीत सुनिश्चित हुई.


नवरात्र की धूम और भक्तों का सैलाब
शारदीय नवरात्र के दौरान इस मंदिर की शोभा देखते ही बनती है. हजारों की संख्या में भक्त यहां आते हैं और मां के दरबार में अपनी मन्नतें मांगते हैं. लोगों का मानना है कि जो भी यहां सच्चे दिल से अरदास लगाता है, उसकी हर मुराद जरूर पूरी होती है.  लोग यहां अपने दुखों को आते हैं और यहां से मुरादे पूरी कर के जाते हैं. भारत नेपाल सीमा पर स्थित इस मंदिर पर जिस तरह भक्तों की हुजूम उमड़ रहा है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि मां के दरबार में हाजिरी लगाने से जहां हर पाप कट जाते हैं वही भक्तों की मुरादें भी पूरी करने में का काम करती है मां लेहड़ा वाली.


नर्तकी कर के मुराद पुरी
इस मंदिर की एक और विशेष प्रथा है जो भी यहां नर्तकी को अपने आंचल पर नचवाते हैं उसकी हर मुराद पूरी होती है, जिस कारण हर समय यहां पर नृत्य होता रहता है साथ ही शादी विवाह और मुंडन के कार्यक्रम भी होते रहते हैं यहां पर इस समय भारत के अनेक प्रांतो के अलावा नेपाल से भी भारी संख्या में भक्तों का हुजूम रहता है यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि उन्होंने यहां मां के दरबार में जो भी अरदास लगाई है मां उसे जरूर पूरा किया करती है.


सीमा के पार से आने वाली आस्था
भारत और नेपाल के बीच आस्था का यह अनोखा सेतु, हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और मां के दरबार में अपनी अरदास लगाते हैं. मां लेहड़ा देवी का यह दरबार हर पाप को हरने वाला और भक्तों की मुरादें पूरी करने वाला माना जाता है. इस शारदीय नवरात्र में जब चारों ओर रोशनी की जगमगाहट होती है, मां के भक्त उनके दरबार में आकर न केवल अपनी परेशानियों का अंत पाते हैं, बल्कि अपने जीवन में सुख-समृद्धि भी प्राप्त करते हैं.


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