हरदोई/आशीष द्विवेदी: योगी सरकार की पुलिस उत्तर प्रदेश में अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है. कई शातिर अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं. कई पुलिस की गोली लगने से घायल हो चुके हैं. अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर बैठता जा रहा है कि अपराधी जुर्म से तौबा कर पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगा रहे हैं.


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आलम यह है कि अब तो जेल में बंद अपराधी भी पुलिसिया कार्रवाई से खौफजदा हैं. इलाज के लिए जेल से बाहर आने पर पुलिस से गोली न मारने का वचन ले रहे हैं. ऐसा ही कुछ हरदोई में हुआ. यहां जिला कारागार से मेडिकल कॉलेज लाए गए कैदी ने जमकर हंगामा काटा. कैदी मेडिकल कॉलेज से पुलिस के साथ जाने के लिए राजी नहीं था. वह सिर्फ एक ही जिद पर अड़ा था कि पुलिस उसे लिखकर दे कि रास्ते में उसे गोली नहीं मारी जाएगी, तभी वह उनके साथ जाएगा. यह हंगामा काफी देर तक चलता रहा. 


क्या है पूरा मामला? 
मामला हरदोई जिले के मेडिकल कॉलेज परिसर का है. दरअसल, कोतवाली पिहानी क्षेत्र में कस्बे के मोहल्ला लोहानी के रहने रिजवान पर आरोप है कि उसने साल 2014 में अपनी पत्नी नाजरा बेगम पर घर में एसिड डाल दिया था. जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई थी. पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने रिजवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जमानत पर छूटने के बाद रिजवान फरार हो गया. जिसके चलते अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. करीब 5 महीने पहले एनबीडब्लयू जारी होने के बाद पुलिस के डर से उसने अदालत में सरेंडर कर दिया था. 


किडनी की बीमारी से ग्रसित है आरोपी 
आरोपी रिजवान किडनी की बीमारी से ग्रसित है, जिसके चलते केजीएमयू लखनऊ के चिकित्सकों ने उसकी नियमित डायलिसिस की सलाह दी थी. डायलिसिस के लिए उसे बीते दिन हरदोई मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे एनीमिक बताया. इस दौरान मेडिकल कॉलेज में रिजवान ने जमकर हंगामा किया और डायलिसिस नहीं कराई. इस पर डॉक्टर्स ने उसे केजीएमयू ले जाने की सलाह दी. केजीएमयू जाने के लिए सिपाहियों द्वारा उसे एंबुलेंस में बिठाया जा रहा था. लेकिन रिजवान इतना डरा हुआ था कि वह पुलिसकर्मियों के साथ एंबुलेंस में बैठने के लिए तैयार नहीं था. लिहाजा उसने हंगामा शुरू कर दिया. वह पुलिसकर्मियों से गोली ना मारने की मनुहार करने लगा. हंगामा बढ़ता देख मौके पर थाना कोतवाली शहर के अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास किया. इसके बावजूद रिजवान अपनी जिद पर अड़ा रहा. 


आखिरकार पुलिसकर्मियों के साथ  केजीएमयू नहीं गया आरोप 
रिजवान की मांग थी कि उसे ट्रामा सेंटर ले जाने वाले पुलिसकर्मी लिखकर दें कि रास्ते में उसे गोली नहीं मारेंगे. जिस स्थिति में उसे ले जा रहे हैं उसी स्थिति में वापस लाएंगे. यह योगी की पुलिस है कई लोगों के पैर में गोली मार चुकी है. जो जेल में बंद है, उसे डर लग रहा है कि कहीं उसे भी गोली ना मार दी जाए. ऐसे में जब तक लिखकर नहीं दिया जाएगा कि पुलिस रास्ते में गोली नहीं मारेगी तब तक केजीएमयू नहीं जाएगा. अंत में पुलिसकर्मियों ने उसे आश्वासन दिया दिया कि उसे गोली नहीं मारी जाएगी. इसके बाद भी वह केजीएमयू ले जाने वाले पुलिसकर्मियों के साथ नहीं गया और कोतवाली शहर पुलिस की जीप में बैठकर जिला कारागार चला गया. 


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