हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में बड़े पैमाने पर लोगों को भिक्षा या भीख मांगते देखा जाता है. इसे खत्म करने के लिए हरिद्वार कुंभ मेला पुलिस ने मानवता की बड़ी मिसाल पेश की है. कुंभ मेला आईजी के प्रयास से हरिद्वार में भीख मांगने वाले 16 लोग मुख्य धारा में लौट आए हैं. ये सभी लोग कुंभ मेला पुलिस की मेस में खाना बनाने का काम कर रहे हैं. आईजी संजय गुंज्याल ने सभी लोगों को जूते, कपड़े और कोरोना सुरक्षा किट दी है. 


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कुंभ के बाद भी मिलेगा रोजगार का अवसर
कुंभ मेले के बाद इनपर रोजगार का कोई संकट ना हो, उसके लिए सिडकुल की कंपनियों से संपर्क किया गया है और कुंभ के बाद इन सभी लोगों को इन कंपनियों में रोजगार दिया जाएगा.


कामकाज की ट्रेनिंग के साथ दी जा रही सैलेरी भी 
धर्मनगरी में कई लोग भीख मांगकर गुजर-बसर करते हैं. लेकिन आईजी संजय गुंज्याल ने इनमें से 16 भिक्षुकों को चिन्हित कर उन्हें कामकाज करने की ट्रेनिंग दी. इससे पहले सभी का कोरोना टेस्ट भी कराया गया. आज ये सभी लोग कुंभ मेला पुलिस के लिए खाना बनाने का काम रहे हैं. इस काम के लिए सभी को 10,400 रुपये सैलेरी के रूप में दिए जा रहे हैं.


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आगे भी नहीं आएगा रोजगार का संकट
आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि कुंभ मेले के वक्त भिखारियों को हटाने की कार्रवाई की जाती है और उनको भिक्षुक घर में रखा जाता है. लेकिन, हमारे द्वारा एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिससे भिक्षावृत्ति को खत्म किया जा सकता है. मेला पुलिस द्वारा वह भिक्षुक, जो मेहनत करके कार्य करना चाहते हैं, उनको हमारे द्वारा ट्रेनिंग दी गई. आईजी का कहना है कि कुंभ मेले के बाद इनपर रोजगार का कोई संकट नही आएगा. उन्होंने सिडकुल की कंपनियों से संपर्क किया है. कुंभ के बाद इन सभी लोगों को इन कंपनियों में रोजगार दिया जाएगा.


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भिक्षुक भी हैं उत्साहित
वहीं, आईजी की इस पहल से भिक्षुक भी उत्साहित हैं और इस काम के लिए उन्होंने संजय गुंज्याल का आभार व्यक्त किया है. भिक्षावृत्ति करने वाले शहजानपुर निवासी ओम का कहना है कि हम हरिद्वार में पुलिस द्वारा हमें अपनी मेहनत से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और पुलिस की मेस में खाना बनाने का कार्य दिया गया. हमें इसके पैसे भी मिले हैं. पुलिस की इस पहल के बाद हमें काफी अच्छा लग रहा है. मगर हम कहना चाहते हैं कि हमे कुंभ के बाद भी कार्य करने का मौका मिले. ऐसा ना हो कि बाद में हमें काम ना मिल सके.


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