कहां बसा है देश का पहला और आखिरी गांव, देश की आखिरी चाय-कॉफी की दुकान, स्विट्जरलैंड जितना खूबसूरत

Mana Village in Uttarakhand: उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता है. पहाड़ों-झरनों और बर्फीले रास्तों के अलावा यहां कई ऐसी चीजें भी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. यहां पौराणिक महत्व की जगहें भी हैं, जिनका संबंध रामायण महाभारत से भी है.

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कहां बसा है देश का पहला और आखिरी गांव, देश की आखिरी चाय-कॉफी की दुकान, स्विट्जरलैंड जितना खूबसूरत

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Indias Last Village भारत का आखिरी गांव

माणा गांव (Mana Village) को भारत का आखिरी गांव के नाम से जाना जाता है. यह उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम से पांच किलोमीटर दूर है.

 

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Mana Village चीन बॉर्डर

भारत और चीन सीमा के निकट ये आखिरी गांव है. यहां भारतीय सेना का बड़ी सामरिक पोस्ट भी है. यहां सीमा पर माना पास यानी दर्रा है, लेकिन आईटीबीपी की स्पेशल परमिशन से ही यहां जा सकते हैं. 

 

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आखिरी चाय की दुकान

माणा गांव में आपको आखिरी चाय की दुकान, आखिरी कॉफी की दुकान, आखिरी बैंक शाखा नाम से तमाम चीजें मिल जाएंगी. 30 रुपये में चाय और 50 रुपये में कॉफी की शुरुआत होती है.

 

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भोटिया जनजाति

माना गांव के निवासी भोटिया यानी मोंगोल जनजाति के हैं. भारी बर्फबारी में ग्रामीण इलाका छोड़कर छह महीने तक दूसरे स्थानों पर भी चले जाते हैं.

 

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ऊनी कपड़े

माणा गांव में आपको भेड़ की ऊन से बने खूबसूरत कैप, मफलर, कंबल आदि मिल जाएंगे, जो भयंकर ठंड में भी काम आते हैं.

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Neelkanth peak

यहां 6600 मीटर की ऊंचाई पर नीलकंठ चोटी (Neelkanth peak) है, जिसे क्वीन ऑफ गढ़वाल भी कहा जाता है. यहां आपको सैकड़ों की संख्या में रहस्यमयी फूल ब्रह्मकमल भी दिखेंगे.

 

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तप्त कुंड

यहां प्राकृतिक गर्म जल का सोता भी है. इसे अग्नि देव का निवास स्थान कहा जाता है. माना जाता है कि इस सोते में नहाने से त्वचा संबंधी तमाम बीमारियां ठीक हो जाती हैं. 

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सबसे ऊंची सड़कों में से एक

मोटर वाहनों की आवाजाही वाला (highest motorable pass) ये दुनिया के सबसे ऊंची सड़कों में एक है. दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में  से एक यहां है.

 

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भारत चीन सीमा

माणा गांव माना दर्रे का प्रवेश द्वार भी है. यहां से भारत और तिब्बत के बीच हिमालय की घाटियों के बीच प्राचीन समय में व्यापार होता था, जिसे 1951 में (Indo China border) बंद कर दिया गया.

 

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मां मूर्ति मंदिर

भगवान विष्णु यानी नारायण की मां माता मूर्ति का यहां मंदिर है. यहां अगस्त सितंबर में माता मूर्ति मेला लगता है. यहां आने का ये बढ़िया समय है.

 

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पांडवों का स्वर्ग द्वार

कहा जाता है कि इसी रास्ते से महाभारत युद्ध के बाद पांडव स्वर्ग गए थे. यहां व्यास गुफा, गणेश गुफा, योग ध्यान बद्री मंदिर, नारद कुंड और चरण पादुका भी हैं.

 

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माणा गांव में ट्रेकिंग

माणा गांव के आसपास की जगह ट्रेकिंग के लिए भी मशहूर है.जहां रोमांच और जोखिम भरे खेलों के प्रेमी आनंद उठा सकते हैं. 

 

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ऋषिकेश जोशीमठ हाईवे

NH 58 Highway: माणा गांव एनएच 58 हरिद्वार ऋषिकेश से सीधा जुड़ा है. बद्रीनाथ और जोशीमठ भी रास्ते में पड़ता है. यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है, जो माणा से 275 किलोमीटर दूर है. हरिद्वार से भी बस या टैक्सी कर यहां जा सकते हैं.  

 

 

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देहरादून एयरपोर्ट

अगर हवाई रास्ते की सोच रहे हैं तो देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट सबसे नजदीक है और 320 किलोमीटर दूर है. एयरपोर्ट के लिए कई राज्यों की उड़ानें रोजाना होती हैं. 

 

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