विशाल सिंह/Hathras Hadsa: यूपी के हाथरस जिले के पुलराई गांव में हुए सत्संग में मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई, मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. सत्संग करने वाले सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि का पुराना सियासी कनेक्शन भी सामने आया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बाबा के सत्संग में शामिल होते रहे हैं. भोले बाबा खुद जाटव हैं, उनके अनुयायी यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हैं. एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उनकी गहरी पैठ है. 


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बसपा सरकार में बोलती थी तूती
पिछले वर्ष जनवरी महीने में भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे और बाबा की महिमा का गुणगान में एक पोस्ट शेयर किया था.  सियासी धमक की बात की जाए तो बसपा सरकार में भी बाबा की तूती बोलती थी. जाटव बिरादरी में बड़ी दखलंदाजी के चलते लाल बत्ती वाले मंत्री बाबा के आगे पीछे घूमते थे. 


लोकल पुलिस को इंट्री नहीं
एटा,मैनपुरी,आगरा,अलीगढ़ जैसे इलाकों में बाबा का जाटव वोट में इतना क्रेज़ है की राजनीतिक दल के नेता उसके साथ मंच शेयर करते रहे हैं. बाबा के कहने पर उसके अनुनायी नेताओं को चुनाव में मदद भी करते रहे हैं. बाबा के सियासी कद का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने कार्यक्रम में लोकल पुलिस को अंदर आने की इजाज़त नही देता था. 


मंत्री जयवीर सिंह ने साधा निशाना 
योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा "घटना की रिपोर्ट आ जाने दीजिए कोई बक्शा नहीं जाएगा. बाबा का कुछ इलाकों में रुतबा था. राजनीतिक लोग भी बाबा के मंच पर जाते थे, इसीलिए ये हादसा है या साज़िश इसकी भी जांच होगी. समाज मे दबे हुए लोग अनुनायी थे, ज़ी मीडिया के दर्शकों को ये विश्वास दिलाता हूँ कि कोई नहीं बचेगा."


बाबा की तलाश में जुटी पुलिस 
बाबा 1:40 पर घटनास्थल से निकल गया था. पुलिस के कॉल डिटेल चेक करने पर पता चला कि बाबा को 2:48 पर आयोजक देव  प्रकाश मधुकर  का फोन गया, जिसमें संभवतः इस घटना की उसको जानकारी दी गयी. बाबा के फोन पर 2 मिनट 17 सेकंड बात हुई थी. इसके बाद बाबा की फोन लोकेशन 3 बजे से 4:35 तक मैनपुरी के आश्रम में मिली जिस दौरान तीन नंबरों पर बाबा ने बात की. खास बात ये है कि रंजना देव प्रकाश आयोजक की पत्नी है जिसके फोन से शायद देव प्रकाश ने बातचीत की थी. 


ढूंढने के लिए टीम गठित
अन्य दो नंबर भी आयोजक समिति के ही है जिनमे महेश चंद्र बाबा का खास बताया जाता है. 4:35 के बाद बाबा का फोन ऑफ हो गया और फिर अभी तक फोन उठा नहीं है. कुल 8 जगहों पर दबिश दी गयी थी. इसके साथ ही अलग से  40 पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई है. बाबा को ढूंढने के लिए जिसमें 8 मेंबर एक टीम में है. बाबा के हरियाणा,दिल्ली भागने की गुंजाइश के चलते टोल प्लाजा से भी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. 


कौन हैं वो बाबा 
हाथरस  हादसे में जिन आध्यात्मिक गुरु के यहां पर सत्संग का आयोजन कराया था, उनका नाम बाबा भोले है और वो एटा जिले के रहने वाला है. अलीगढ़, हाथरस और एटा जिले के आसपास पहले भी उनसे धार्मिक प्रवचन कार्यक्रम होते रहे हैं. अनुयायी उन्हें भोले बाबा कहके बुलाते हैं.बताया जाता है कि 17 साल सरकारी नौकरी छोड़ उन्होंने सत्संग शुरू किया था.