Google Map: गूगल मैप्स इस समय 220 से ज़्यादा देशों में रोजाना अरबों लोग इस्तेमाल करते हैं. यह राइड-शेयरिंग, फ़ूड डिलीवरी और आस-पास की चीजों को खोजने में मददगार है. आज के समय में यह ऐप रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हो गया है. जैसा कि नाम से पता चल रहा है गूगल मैप्स को गूगल ने डेवलप किया है. 2005 में लॉन्च होने के बाद से, इसने लोगों की जिंदगी को बदला है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कहां से आया विचार- गूगल मैप्स का कंसेप्ट लार्स और जेन्स इलस्ट्रप रासमुसेन की कंपनी व्हेयर 2 टेक्नोलॉजीज ने दिया था. गूगल ने 2004 में इस कंपनी का अधिग्रहण किया. गूगल ने जियोस्पेशियल डेटा विज़ुअलाइज़ेशन कंपनी कीहोल इंक. और रीयल-टाइम ट्रैफ़िक बताने वाली ज़िपडैश का भी अधिग्रहण किया. यहां से शुरुआत हुई गूगल मैप्स की.


2005 में शुरुआत-  गूगल मैप्स आधिकारिक तौर पर 8 फरवरी, 2005 को एक वेब-आधारित सेवा के रूप में लॉन्च हुआ. उस समय मैप को इंटरैक्टिव बनाया गया, जो कि ड्रैग हो सकता था, इसमें लोकल बिजनेस सर्च जैसी चीजें थीं. उस वर्ष बाद में सैटेलाइट इमेज फीचर आया.


मोबाइल में उपलब्ध - 2007 में ब्लैकबेरी और अन्य जावा फोन के लिए गूगल मैप की शुरुआत हुई. इसी साल इसमें माय लोकेशन को जोड़ा गया, इसने सेल टावरों और जीपीएस का उपयोग करके फोन को यूजर के स्थान का अनुमान लगाने में मदद की.


2008-2010: नेविगेशन गूगल स्ट्रीट व्यू के तहत इससे पैनोरमिक स्ट्रीट-लेवल इमेज मिलने लगी. आगे गूगल मैप को एंड्रॉइड डिवाइस के लिए लॉन्च किया गया. जिसने बोले गए निर्देश, लाइव ट्रैफ़िक अपडेट और री-रूटिंग विकल्प दिए. 2013 में गूगल ने वेज़ का अधिग्रहण किया, Google मैप्स में रीयल-टाइम ट्रैफ़िक और यूजर-जनरेटेड रिपोर्ट को शामिल किया गया. आगे चलकर मॉल, हवाई अड्डों और अन्य बड़े स्थानों के लेआउट मैप में शामिल किए गए. इसके बाद यूजर को ऑफ़लाइन यूज के लिए मैप डाउनलोड करने का विकल्प दिया गया.


2016 से अब तक : AI और रीयल-टाइम


गूगल मैप का इस्तेमाल रास्ता जानने और ट्रैफ़िक स्टेटस जानने में होने लगा. रीयल-टाइम नेविगेशन के लिए इसका इस्तेमाल होने लगा. COVID-19 महामारी के दौरा इसमें COVID-19 हॉटस्पॉट, टेस्ट सेंटर, और सुरक्षा अलर्ट दिखाने वाली सुविधाएं जोड़ी गईं.