गोरखपुर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का रैकेट पकड़ा, बिहार से दिल्ली ले जा रहे थे 20 बच्चे, 9 तस्कर भी गिरफ्तार
ये सभी बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. तस्कर इन्हें काम दिलाने के नाम पर बिहार से दिल्ली लेक जा रहे थे. बरामद बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है. बाल कल्याण समिति के आदेश पर बच्चे उनके परिजनों के हवाले किए जाएंगे.
गोरखपुर: गोरखपुर पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने एक स्वयं सेवी संस्था की मदद से बड़े ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है. दो टूरिस्ट बसों से दिल्ली भेजे जा रहे 19 नाबालिगों और 1 युवक की बरामदगी की गई है. ये सभी बच्चे बिहार के अररिया जिले के रहने वाले हैं. इन बच्चों की तस्करी में शामिल 9 आरोपियों को भी पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने दबोचा है. ये सभी बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. तस्कर इन्हें काम दिलाने के नाम पर बिहार से दिल्ली लेक जा रहे थे. बरामद बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है. बाल कल्याण समिति के आदेश पर बच्चे उनके परिजनों के हवाले किए जाएंगे.
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बचपन बचाओ आंदोलन NGO ने दिया था इनपुट
गोरखपुर एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि NGO ''बचपन बचाओ आंदोलन'' के स्टेट कोऑर्डिनेटर सूर्य प्रताप मिश्रा ने जानकारी दी थी कि कुछ मानव तस्कर टूरिस्ट बस में बिहार के कुछ बच्चों को लेकर दिल्ली जाने वाले हैं. इस सूचना के आधार पर गोरखपुर पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने खोराबार इलाके के जगदीशपुर-माड़ापार-कोनी तिराहा पर घेराबंदी कर 9 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से 19 नाबालिग बच्चों और 1 युवक को मुक्त कराया गया है. इस ट्रैफिकिंग में शामिल सभी 9 आरोपियों को गोरखपुर कैंट पुलिस के हवाले कर दिया गया है.
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बिहार के अररिया जिले के रहने वाले हैं सभी बच्चे
आरोपियों की पहचान बिहार के अररिया जिले के रहने वाले मोहम्मद हाशिम, मोहम्मद जाहिद, इश्तियाक, शमशाद, मुर्शीद, मारूफ, नूर हसन, शाहिद और हसीब के रूप में हुई है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी (Indian Penal Code) की धारा 370 (5), 420, 79, किशोर न्याय अधिनियम Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015 और 3 सीएलपीआर एक्ट (Child Labour Prohibition and Regulation, Act 1986) के तहत मामला दर्ज किया है. एसपी क्राइम के मुताबिक इन तस्करों का पूरा गिरोह है, इनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि इनका संगठित गिरोह कहां तक फैला हुआ है औ ये अब तक कितने बच्चों की तस्करी कर चुके हैं.
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