अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट से पिछले साल 9 नवंबर को आए ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया. अब लोगों को भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ होने का इंतजार है. इसके लिए केंद्र सरकार को ट्रस्ट गठित करना है, जो अभी पेंडिंग है.


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ट्रस्ट गठन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई तीन महीने की समय सीमा इस 9 फरवरी को समाप्त हो रही है. इस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंदिर आंदोलन में दिवंगत कारसेवकों की स्मृति को जीवंत करने के लिए प्रस्तावित राम मंदिर के सामने विजय स्तंभ बनाने की रूपरेखा तैयार की है.


इसे दिल्ली में इंडिया गेट के सामने स्थित अमर जवान ज्योति की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने यह जानकारी दी. आपको बता दें कि वर्ष 1528 से 1992 के बीच अयोध्या में राम मंदिर को लेकर 76 बार संघर्ष हुआ. इसमें बड़ी संख्या में मंदिर समर्थकों की जान गई.


आजादी के बाद मंदिर को लेकर बड़ा संघर्ष वर्ष 1990 में 30 अक्टूबर और 2 नवंबर को हुआ था, जिसमें कोठारी बंधुओं सहित काफी संख्या में कारसेवक सुरक्षाबलों की गोलियों के शिकार हुए थे. दिगंबर अखाड़ा में कारसेवकों की स्मृति शिला मौजूद है, जहां हर वर्ष 2 नवंबर को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है.


ट्रस्ट गठन की चल रही है तैयारी
केंद्र सरकार इसी हफ्ते अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा करने वाली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद निर्माण के लिए सरकार मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी महत्वपूर्ण स्थान पर पांच एकड़ जमीन की भी पेशकश करेगी. राम मंदिर निर्माण का कार्य इसी ट्रस्ट की देखरेख में पूरा होगा.


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और मस्जिद की भूमि आवंटन के लिए एक अलग डेस्क गठित किया था. अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तीन अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप राम मंदिर निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार करने में जुटे हुए हैं. अयोध्या से जुड़े हर मामले की सुनवाई इसी डेस्क पर हो रही है.